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दूध से लेकर प्लेटफॉर्म टिकट तक सस्ते

जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में फिर हुआ संशोधन

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः देश की जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फेंस में बैठक में लिए गए फैसलों की जानकरी दी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई मुद्दे थे, समय की कमी के कारण कुछ पर चर्चा नहीं हो सकी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाकी एजेंडे पर चर्चा के लिए काउंसिल की अगली बैठक अगस्त में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। जीएसटी काउंसिल ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर हॉस्टल में रहने की सेवाओं को प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की छूट दी है। हालांकि, शर्त यह होगी कि छात्र को छात्रावास में लगातार 90 दिनों तक रहना होगा। इसके अलावा जीएसटी काउंसिल ने टैक्स डिमांड नोटिस पर जुर्माने पर ब्याज माफ करने की सिफारिश की है।
जीएसटी काउंसिल ने कई आइटम्स पर जीएसटी दरों में बदलाव की जानकारी दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाएं, प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री, वेटिंग रूम एवं प्रतीक्षालय की सुविधा, बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है। जीएसटी काउंसिल ने सभी मिल्क कैन पर 12 फीसदी की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है। स्टील, लोहा, एल्युमीनियम जो किसी भी उपयोग में हो, यह दर होगी।
काउंसिल ने सभी कार्टन बॉक्स पर 12 फीसदी की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी।
जीएसटी काउंसिल ने सोलर कुकर पर जीएसटी दर को 12 फीसदी कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी रिव्यू पर चर्चा नहीं हुई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कहा कि फायर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12 फीसदी की दर लागू होगी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार की मंशा हमेशा से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की रही है। अब यह राज्यों पर निर्भर है कि वे एक साथ आकर दर तय करें। उन्होंने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करके पहले ही प्रविधान कर दिया है।

अब बस राज्यों को एक साथ आकर इस पर चर्चा करनी है और कर की दर तय करनी है। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार की मंशा यह थी कि अंतत: किसी समय (बाद में) पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि जब राज्य काउंसिल में सहमत हो जाएंगे और कर की दर तय हो जाएगी, तो इसे जीएसटी कानून में शामिल कर लिया जाएगा। तेल उत्पादों को जीएसटी में शामिल करने से न केवल कंपनियों को इनपुट पर चुकाए गए कर को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि देश में ईंधन पर कर में एकरूपता भी आएगी।

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