इंडोनेशिया में फिर से लौटा कुदरत का कहर का माहौल
जकार्ता, इंडोनेशियाः इंडोनेशिया के माउंट इबू में गुरुवार को तीन बार विस्फोट हुआ, जिससे लाल लावा और भूरे रंग की राख के बादल निकले। किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पूर्वी उत्तरी मालुकु प्रांत के एक द्वीप पर स्थित ज्वालामुखी मई की शुरुआत से लगभग हर दिन फट रहा है। विस्फोटों और गहरे ज्वालामुखी भूकंपों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होने के कारण अधिकारियों ने अलर्ट को उच्चतम स्तर पर बढ़ा दिया है। इस वजह से देश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित घटनाओँ और लोगों की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। इससे पहले भी एक ऐसे ही कारण से अनेक निवासियों को उनके स्थायी आवास से हटाना पड़ा है। दरअसल ज्वालमुखी की राख और बाढ़ की वजह से उनके रहने का इलाका खतरनाक स्थिति पर पहुंच गया था।
इंडोनेशिया की भूविज्ञान एजेंसी के प्रमुख मुहम्मद वाफिद ने कहा कि गुरुवार के विस्फोटों ने राख के बादलों को 1,200 मीटर (4,000 फीट) तक हवा में उड़ा दिया। एजेंसी द्वारा एक अवलोकन पोस्ट से रिकॉर्ड की गई तस्वीरों और वीडियो में विस्फोटों के दौरान कुछ बिजली के साथ गरमागरम लाल लावा के फटने को दिखाया गया है।
अधिकारियों ने लोगों से 1,325 मीटर (4,347 फीट) ऊंचे ज्वालामुखी से कम से कम 7 किलोमीटर (4.5 मील) दूर रहने का आग्रह किया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के अनुसार, ज्वालामुखी के नज़दीक तीन गांवों से 1,900 से ज़्यादा लोगों को निकाला गया है। विस्फोटों से हज़ारों हेक्टेयर (एकड़) कृषि भूमि प्रभावित हुई है। इंडोनेशिया, 270 मिलियन लोगों का एक द्वीपसमूह है, जिसमें 120 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। यह ज्वालामुखी गतिविधि के लिए प्रवण है क्योंकि यह प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय दोष रेखाओं की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला रिंग ऑफ़ फ़ायर के साथ स्थित है।