शेयर बाजार के तीस लाख करोड़ के डूबने पर उठ गये सवाल
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बाजार में नकली उछाल पैदा किया गया
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फर्जी एग्जिट पोल का सहारा लिया
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इसकी जांच जेपीसी से कराया जाए
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीखी आलोचना करते हुए सवाल किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने हाल के चुनावों के दौरान शेयर बाजार के बारे में टिप्पणी क्यों की। गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और शाह सीधे तौर पर इसमें शामिल थे, जिसे उन्होंने सबसे बड़ा शेयर बाजार घोटाला बताया, जिसमें खुदरा निवेशकों ने 30 लाख करोड़ रुपये गंवाए, और उन्होंने इसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की मांग की।
दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, गांधी ने नेताओं पर निवेश सलाह देने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्होंने दावा किया कि बाजार में हेरफेर हुआ और बाद में वित्तीय अस्थिरता आई। वैसे इसके पहले भी शेयर बाजार में निवेश के मामलों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ साथ पूर्व मंत्री पियूष गोयल पर भी विरोधी दल आरोप लगाते आये हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि शेयर बाजार इस फर्जी एग्जिट पोल के बाद चढ़े और फिर 4 जून को लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती के दिन गिर गए। गांधी ने कहा, पहली बार हमने देखा कि चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि शेयर बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 4 जून को शेयर बाजार में तेजी आएगी और आप सभी को निवेश करना चाहिए, और इसी तरह की टिप्पणी वित्त मंत्री ने भी की।
गांधी ने विशिष्ट बयानों पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने कहा कि अमित शाह ने लोगों को 4 जून से पहले शेयर खरीदने की सलाह दी, जबकि 19 मई को पीएम मोदी ने भविष्यवाणी की थी कि 4 जून को शेयर बाजार रिकॉर्ड तोड़ देगा। उन्होंने तर्क दिया कि ये टिप्पणियां अभूतपूर्व थीं और उनके औचित्य और प्रभाव के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। गांधी ने संवाददाताओं से कहा, इन फर्जी एग्जिट पोल के बाद, शेयर बाजार में तेजी आई और फिर 4 जून को गिरावट आई।
उनका मतलब था कि ये टिप्पणियां बाजार को कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए की गई हो सकती हैं, जिससे योजनाबद्ध मंदी से पहले कुछ निवेशकों को फायदा हो। उन्होंने कहा, हम सबसे बड़े शेयर बाजार घोटाले की जेपीसी जांच चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री शाह और एग्जिट पोल करने वालों के खिलाफ जांच चाहते हैं।