सुप्रीम कोर्ट में जमानत की सुनवाई से पहले एक और चाल
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एनआईए जांच के आदेश जारी किये हैं। आरोप है कि खालिस्तानी आतंकी पन्नून से 133 करोड़ केजरीवाल ने लिये हैं। दिल्ली शराब घोटाला के आरोप के बाद इस बार आतंकवाद का आरोप सीधे तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर लगा है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के लिए केजरी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जांच की सिफारिश की। ग्रेटर पंजाब के साथ खालिस्तान के एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के निर्माण की मांग में सक्रिय एसएफजे, पिछले कुछ वर्षों से भारत के खिलाफ विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहा है।
संगठन के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में दावा किया था कि 90 के दशक में गिरफ्तार एक खालिस्तानी आतंकवादी नेता को रिहा करने की शर्त पर आप नेतृत्व को 2014 से 2022 तक लगभग एक करोड़ छह मिलियन डॉलर (लगभग 133 करोड़ रुपये) दिए गए हैं। पन्नू का बयान बाद में भाजपा और उसके सहयोगियों ने केजरी के खिलाफ एनआईए जांच की मांग की।
आम आदमी पार्टी दिल्ली उत्पाद शुल्क भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को सामने रखकर लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रही है। आप नेतृत्व के बयान के मुताबिक पन्नू झूठ बोल रहे हैं। उनका दावा है कि आप देश विरोधी गतिविधियां नहीं करती है। 10 जुलाई 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने इस संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
केंद्र ने कहा कि यह संगठन भारत की संप्रभुता और भौगोलिक अखंडता के लिए बड़ा खतरा है। 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संगठन के नेता पन्नुन को आतंकवादी घोषित किया था। इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करने का भी अनुरोध किया गया था। एनआईए ने कहा, लेकिन इसके बाद भी कनाडा में पन्नू का संगठन भारत विरोधी अलगाववादी प्रचार प्रसार जारी रखे हुए है। पिछले हफ्ते, प्रमुख अमेरिकी दैनिक द वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत की जासूसी एजेंसी रॉ ने खालिस्तानी आतंकवादी नेता पन्नू को मारने की कोशिश की थी।