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भाजपा के लिए बैटिंग करते फिर पकड़े गये उप राज्यपाल सक्सेना

  • ऊर्जा मंत्री आतिशी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा

  • विधानसभा में पारित हुआ है इसका बजट

  • जनता की परेशानी का बहस फिर चर्चा में

राष्ट्रीय खबर

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में उपभोक्ताओं को बिजली सब्सिडी को लेकर आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच आज फिर से खींचतान शुरू हो गई।

जबकि बिजली मंत्री आतिशी ने पहले दिन में घोषणा की थी कि शुक्रवार से सब्सिडी बंद कर दी जाएगी, क्योंकि उपराज्यपाल ने इसे बढ़ाने के लिए फ़ाइल को अभी तक मंजूरी नहीं दी है, इस घोषणा के बाद जब बहस तेज होने लगी तो उप राज्यपाल के कार्यालय ने कहा कि फ़ाइल पर कल ही हस्ताक्षर किए गए थे।

लेकिन इसके बीच ही यह बहस प्रारंभ हो चुकी थी कि सब कुछ ठीक होने के बाद भी उप राज्यपाल ने इतनी जरूरी फाइल को अपने पास इतने दिनों तक क्यों रखा था। उपराज्यपाल द्वारा भाजपा के लिए बैटिंग करने की चर्चा इसलिए हो रही है कि उनके हर फैसले के साथ भाजपा का हित अथवा दिल्ली सरकार का अहित जुड़ा हुआ पाया जा रहा है।

वैसे इसी किस्म के एक फैसले से दिल्ली में दस पार्षदों के मनोनयन पर सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कारण बताने को भी कहा है। इसी वजह से दिल्ली के मेयर के चुनाव में लगातार हंगामा होता रहा है। दूसरी तरफ राज्य सरकार की तरफ से होने वाली जांच में दिल्ली नगर निगम में पूर्व में हुए घपले भी अब सामने आते नजर आ रहे हैं।

इससे पहले दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम 46 लाख लोगों को जो सब्सिडी देते हैं, वह आज से बंद हो जाएगी। सोमवार से लोगों को बिना सब्सिडी के बढ़े हुए बिल मिलेंगे। सरकार ने आने वाले वर्ष में सब्सिडी जारी रखने के लिए बजट को मंजूरी दी। दिल्ली में आप सरकार उपभोक्ताओं को 200 यूनिट मासिक खपत के साथ मुफ्त बिजली प्रदान करती है।

201 से 400 यूनिट की खपत करने वालों को 50 फीसदी सब्सिडी मिलती है, जिसकी अधिकतम सीमा 850 रुपये है। पिछले साल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि बिजली सब्सिडी केवल उन उपभोक्ताओं को प्रदान की जाएगी जो इसके लिए आवेदन करेंगे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 58 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से 48 लाख से अधिक ने बिजली सब्सिडी के लिए आवेदन किया है। आप सरकार ने 2023-24 के अपने बजट में बिजली सब्सिडी के लिए 3,250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

विभागी मंत्री के आरोपों को निराधार बताते हुए, श्री सक्सेना के कार्यालय ने आतिशी को अनावश्यक राजनीति से बचने की सलाह दी। उपराज्यपाल ने पूछा कि निर्णय को 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया, जिसकी समय सीमा 15 अप्रैल थी, और फाइल उन्हें 11 अप्रैल को ही क्यों भेजी गई थी।

बिजली मंत्री को एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार, झूठे आरोपों से बचने की सलाह दी जाती है। उन्हें झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए। 13 अप्रैल को पत्र लिखकर और आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नाटक करने की क्या जरूरत है?

आतिशी ने दावा किया कि उन्होंने बिजली सब्सिडी पर चर्चा करने के लिए श्री सक्सेना के साथ पांच मिनट का समय मांगा था, लेकिन अब 24 घंटे से अधिक समय में उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इस सब्सिडी का बजट विधानसभा ने पास कर दिया है। सरकार के पास सब्सिडी के लिए पैसा है लेकिन हम इसे खर्च नहीं कर सकते।

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