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अदालत ने समाप्त की है बंगाल के हजारों शिक्षकों की सेवा

चुनाव डियूटी पर प्रतिनियुक्त हैं अनेक

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव ड्यूटी के लिए हटाए गए सरकारी कर्मचारियों की तैनाती को लेकर मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। चुनाव आयोग चुनाव संबंधी कर्तव्यों में लगभग हजारों शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की तैनाती को लेकर असमंजस में है, जिनकी सेवाएं हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने समाप्त कर दी हैं।

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि जिन 25,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उनमें से लगभग 40 प्रतिशत को चुनाव ड्यूटी के लिए बुलाया गया था। आयोग के सामने चुनौती ऐसे करीब 10,000 कर्मचारियों को सक्रिय चुनाव ड्यूटी से हटाने की है। आयोग ने जिलाधिकारी को सूची तैयार करने को कहा है

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार, 22 अप्रैल, 2024 को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को समाप्त करने का निर्देश दिया, जिन्हें राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी) 2016 के माध्यम से नियुक्त किया गया था।

राज्य सरकार ने इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। तीन प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट में दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होगा और कई बूथों पर मतदान कर्मी पहुंचने शुरू हो चुके हैं। दूसरे चरण में होने वाले 98 फीसदी मतदान केंद्रों को आयोग ने संवेदनशील चिन्हित किया है।

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि जिन कर्मचारियों का वेतन समाप्त कर दिया गया है, उन्हें उनका पूरा वेतन 12 फीसद ब्याज के साथ लौटाया जाए। पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों ने उन कर्मचारियों को चुनाव संबंधी ड्यूटी सौंपने पर सवाल उठाए हैं जिनकी नौकरियां समाप्त कर दी गई हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 अप्रैल को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। राज्य सरकार कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के लिए लोकसभा चुनाव में तैनात हटाए गए कर्मचारियों की तैनाती का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठा सकती है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि ऐसे हजारों कर्मचारियों को अंतिम समय में चुनाव संबंधी गतिविधियों से हटाना मुश्किल है। पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं।

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