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ऐसे कितने लिपिक वर्षों से एक ही स्थान पर जमे है

हर जिला के पुलिस कार्यालयों की लेखा और एमटी शाखा की जांच जरूरी

  • आईजी हेडक्वार्टर जांच करें तो बड़ा मामला निकलेगा

  • क्राइम रीडर कितने वर्षों से  एसपी ऑफिस में तैनात है

  • कितने वर्षों से लिपिक की पोस्टिंग है उनका तबादला नहीं

दीपक नौरंगी

भागलपुर: पूरे बिहार में जितने भी जिले में एसपी के कार्यालय के अधीन कई प्रमुख विभाग आते है। जैसे की क्राइम रीडर केस के संबंधित और क्राइम डाटा का कार्य भी होता है। सुपरविजन लंबित मामला का कार्य संबंधित कार्य वहीं से होता है। दूसरा हिंदी शाखा जहां क्राइम रिकॉर्ड के संबंध सारा काम होता है केस का निष्पादन होता है।

चुनाव में आंकड़ा संबंधित महत्वपूर्ण कार्य करता है। तीसरा विभाग सामान्य शाखा में स्थापना के संबंध सारा कार्य होता है और चौथा विभाग लेखा शाखा जहां सारा पैसा वेतन रिलीज होता है। बिल बनता है चुनाव के संबंध सारा कार्य होता है चुनाव में ड्यूटी पर जाना है तो पुलिस कर्मियों को टीए मिलता है। चुनाव में सूखा राशन चाहिए तो वहीं से बिल निकासी का कार्य होता है।

इनकम टैक्स कार्य सहित संपत्ति ब्यूरो का कार्य इस विभाग से होता है लेखा शाखा विभाग का बहुत महत्वपूर्ण कार्य है सूत्र बताते हैं कि वर्षों से लेखा शाखा से बड़ा बाबू और अकाउंटेंट साहब अपने पदों पर कई वर्ष जमे हुए हैं लेकिन इनका तबादला उन स्थानों से नहीं हो रहा है। इस पूर्व पटना एसएसपी रह चुके मानवजीत सिंह ढिल्लों साहब ने अनुबंध पर गाड़ी लिए जाने के कई मामले कुछ नियम में बदलाव किए थे कि थाना के द्वारा ही अनुबंध पर गाड़ी ली जाएगी। गाड़ी के सारे कागज थाना से ही एमटी शाखा में भेजे जाएंगे।

डीजीपी साहब आपके भरोसेमंद आईपीएस आईजी हेडक्वार्टर राकेश राठी साहब यह महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बिहार के सभी जिले के एसपी कार्यालय के अधीन अकाउंट सेक्शन और एमटी शाखा जांच होने पर भ्रष्टाचार के साथ साथ बहुत बड़ा खेल उजागर हो जाएगा। सरकार की राशि का कैसे धन का दुरुपयोग हो रहा है इसका पता चल जाएगा।

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