राहुल गांधी की यात्रा के बाद अमित शाह की चुनौतियां बढ़ी
राष्ट्रीय खबर
गुवाहाटीः नागालैंड का एनएससीएन-आईएम म्यांमार के साथ सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध करता है। नागालैंड राज्य संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-इसाक मुइवा ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध किया है। संगठन को संक्षिप्त रूप में एनएससीएन-आईएम कहा जाता है। एनएससीएन-आईएम ने कहा है कि वे भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के पूरी तरह खिलाफ हैं।
पूर्वोत्तर में राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा समाप्त होने के बाद ही भाजपा की पूरे इलाके में नये किस्म की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अब लोग अपने से जुड़े मुद्दों पर मुखर होकर केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने लगे हैं। भारत सरकार एनएससीएन-आईएम के साथ शांति वार्ता कर रही है।
इस बीच संगठन ने एक बयान में कहा, हम (भारत-म्यांमार के बीच) एक परिवार की तरह रहते हैं। यहां बाड़ लगाने के फैसले को मंजूरी देना हमारे लिए संभव नहीं है। बयान में कहा गया, एक एकल परिवार के रूप में, सीमा पर बाड़ लगाने का यह निर्णय हमारे अधिकारों का उल्लंघन करता है। एक राष्ट्र के रूप में हम भारत और म्यांमार की भूमि पर रहते हैं। इसीलिए दोनों दिशाओं में मुक्त आवाजाही आवश्यक है। हम इस यात्रा को रोकने की इजाजत नहीं दे सकते।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले शनिवार को असम के गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत पूर्वोत्तर भारत के साथ म्यांमार की लंबी सीमा को सील करने जा रहा है। भारत सरकार म्यांमार के साथ भारत के मुक्त आवागमन समझौते की समीक्षा करेगी। दोनों देशों के बीच आवाजाही भी बंद रहेगी।इससे पहले मिजोरम के संगठन यंग मिजो एसोसिएशन ने कहा था कि भारत और म्यांमार के बीच बाड़ लगाने के फैसले को स्वीकार करना उनके लिए संभव नहीं है। मणिपुर के कुकी आदिवासियों के शीर्ष सामाजिक संगठन कुकी-इनपी ने भी इसी अंदाज में इसका विरोध किया।