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रामजी का ही भरोसा है तो क्या अपने काम पर भरोसा नहीं रहा, यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पूछ रहे हैं। वइसे सवाल पूछने वाले भी जानते हैं कि अगर फिर से राम नाम की आंधी चली तो उनकी सारी रणनीति धरी की धरी रह जाएगी। इसलिए उदघाटन से पहले और बाद में अयोध्या जाने का प्रोग्राम सभी ने बना रखा है। वे जाएंगे तो खुद को राम से जोड़ने के लिए। दूसरी तरफ फलाहार कर रहे नरेंद्र मोदी इस प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किस हैसियत से भाग लेंगे, यह देखने वाली बात होगी।

कुछ भी हो लेकिन दोनों तरफ को अगर राम का आसरा है जो इस आसरे का चुनावी परिणाम क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी। अब तक तो राम भरोसे भाजपा आगे नहीं बढ़ पा रही है, इसका रिजल्ट चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में दिख रहा है। वहां पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का तालमेल बैठ जाते ही गणित गड़बड़ा गया है और चुनाव कराने वाले पीठासीन अधिकारी अचानक बीमार पड़ गये हैं। अस्पताल में दाखिल होकर वह भी अब राम के आसरे ही हैं।

अचानक बीमार पड़ जाने की आदत इंडियन नेताओं की थी। जब भी किसी गंभीर आरोप में गिरफ्तार होते तो चंद दिनों में बीमार होकर अस्पताल चले जाते हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों का एक जैसा हाल होता है। अलबत्ता जमानत मिलते ही उनकी तबियत भी ठीक हो जाती है। कमाल का खेल है मानों मैंगो मैन कुछ समझता ही नहीं है।

इसी बात पर पंडित हरिओम शरण का प्रसिद्ध भजन याद आ रहा है, जिसके बोल इस तरह हैं। गीत को इस लिंक पर सुने

राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान
घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान

तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ।
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे ।
काहे को करे रे, काहे को करे, काहे को करे, काहे को करे..
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे रे ।
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ।
काहे को करे रे, काहे को करे, काहे को करे, काहे को करे..
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले ।
नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप संभालें ।
हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे ॥
॥ तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार…॥
काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के ।
काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार उसी के ।
तेरी हार भी नहीं है तेरी हार, उदासी मन काहे को करे ॥
॥ तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार…॥
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा ।
सहज किनारा मिल जायेगा, परम सहारा मिल जायेगा ।
डोरी सौंप के तो देख एक बार, उदास मन काहे को करे ॥
॥ तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार…॥
तू निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है ।
तू निर्दोष तुझे क्या डर है, पग पग पर साथी ईश्वर है ।
जरा भावना से कीजिये पुकार, उदास मन काहे को करे ॥
॥ तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार…॥
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ।
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे ।
काहे को करे रे, काहे को करे, काहे को करे, काहे को करे..
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे रे ।
तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदासी मन काहे को करे ।

इलेक्शन करीब आ रहा है तो मोदी जी को राम की याद आने लगी है। भाई लोगों ने यहां तक कह दिया कि वह भोजन तक ग्रहण नहीं कर रहे हैं पर यह बताना भूल गये कि वह फलाहार पर हैं। लेकिन डॉ अनिल मिश्रा अपनी पत्नी के साथ क्या कर रहे हैं, यह किसी को नहीं मालूम जबकि खबर है कि अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य यजमान वहीं हैं क्योंकि ऐसे धार्मिक आयोजनों में सपत्नीक बैठना पड़ता है और मोदी जी का मामला जगजाहिर है।

खैर इन बातों को छोड़ दें तो ईडी और उसके निशाने पर आये लोगों को भी अब राम का आसरा है। दरअसल पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में जनता के हाथों मार खाकर घायल होने की घटना के बाद ईडी के अफसर भी सहम गये हैं। नौकरी है तो हुकुम तो बजाना ही पड़ेगा लेकिन जान है तो जहान है भी पुरानी कहावत है। ऊपर से अदालतें भी बार बार की दलीलों से अब उबती नजर आ रही है। दिल्ली के सीएम भी पूरे परिवार के साथ अयोध्या जाकर श्री राम जी के दर्शन करने की बात कह चुके हैं। अब राम के नाम पर असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और राहुल गांधी टकरा रहे हैं। राहुल ने उन्हें देश का सबसे भ्रष्ट नेता और सीएम बताया तो दूसरे ने गिरफ्तार करने की धमकी दे दी। झारखंड में हेमंत ने ईडी को अपने आवास पर बुलाया है। इसलिए तमिलनाडु से बंगाल तक ईडी का क्या होगा, यह भी राम ही जाने।

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