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विरोध के बाद मुख्य यजमान की भूमिका से हटे पीएम

प्रतिमा को कंधे में ले जाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी


  • अब डॉ अनिल मिश्र होंगे मुख्य यजमान

  • गर्भगृह में मौजूद रहेंगे चंद प्रमुख लोग

  • तीनों प्रतिमाओँ को मंदिर में रखा जाएगा


राष्ट्रीय खबर

अयोध्याः रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूजन मंगलवार से शुरू हो गया है। यज्ञ मंडप मे विधिवत हवन-पूजन और अनुष्ठान होने लगे हैं। मंगलवार से 22 जनवरी तक चलने वाले वैदिक अनुष्ठान के यजमान मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और उनकी धर्म पत्नी ऊषा मिश्रा को बनाया गया है, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी प्रतीकात्मक यजमान होंगे। दरअसल धार्मिक नियमों का हवाला देते हुए यह सवाल खड़ा किया गया था कि ऐसी पूजा में बैठने वाले व्यक्ति को सपत्नीक होना पड़ता है। इसके बाद ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्ट्री डॉ अनिल मिश्र का नाम सामने आया।

वैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर अभिषेक समारोह के दौरान प्रोटोकॉल को पीछे छोड़ना पड़ सकता है और 500 मीटर से अधिक की दूरी पैदल तय करनी पड़ सकती है। उम्मीद है कि मंदिर ट्रस्ट मौजूदा चलन को ले जाने की प्रतिष्ठित भूमिका की पेशकश करेगा। समारोह के दौरान अस्थायी मंदिर स्थल से नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह (गर्भगृह) तक भगवान राम की मूर्ति (चल मूर्ति)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उनके साथ रहने की संभावना है।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल होंगे। दूसरी तरफ देश के शंकराचार्यों के विरोध के बाद अनेक अन्य संगठनों की तरफ से भी मोदी के मुख्य यजमान होने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस पर एक पक्ष कह रहे हैं कि ट्रस्ट प्रमुख सपत्नीक इस पूजा के मुख्य यजमान होंगे जबकि भाजपा की तरफ से नरेंद्र मोदी द्वारा ही मुख्य पूजा किये जाने का दावा किया जा रहा है। पहले यह बताया गया था कि जब प्राण प्रतिष्ठा (पहली बार मूर्ति के आंखें खोलने से पहले की जाने वाली धार्मिक कार्यवाही) होती है, तो मुख्य पूजा की अध्यक्षता मुख्य यजमान के रूप में पीएम मोदी होंगे।

साल भर शुभ अवसरों पर अचल (स्थायी) के साथ चल मूर्ति की वापसी होती रहेगी। मंदिर ट्रस्ट ने राम लला की तीन अलग-अलग मूर्तियां बनाने के लिए तीन मूर्तिकारों को काम सौंपा था। ट्रस्ट ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि तीनों में से किस मूर्ति को मुख्य देवता के रूप में भूतल पर गर्भगृह (गर्भगृह) में रखा जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि दो मूर्तियों में से एक को बेहतरीन गुणवत्ता से तैयार किया गया है गर्भगृह में राजस्थान से संगमरमर या कर्नाटक से गहरे रंग का ग्रेनाइट रखा जाने वाला था। एक सूत्र ने कहा, आधिकारिक घोषणा बाद में की जाएगी। दूसरा तैयार होने पर पहली मंजिल पर रखा जाएगा जबकि मंदिर की दूसरी मंजिल पर राम दरबार स्थापित किया जाएगा।

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