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चंडीगढ़ में भाजपा के पास संख्याबल कम होने का खेल

दोनों पीठासीन अधिकारी बीमार पड़ गये


  • आप और कांग्रेस का समझौता

  • संख्याबल में भाजपा अब पीछे

  • दोनों अफसर पीठ दर्द से परेशान


राष्ट्रीय खबर

चंडीगढ़ः यहां के नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। जबसे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए समझौता किया है, भाजपा की परेशानी बढ़ गयी। अब मामले की छानबीन से पता चला है कि इस चुनाव के लिए जो दो लोग पीठासीन अधिकारी हैं, दोनों ही बीमार पड़ गये हैं। मामले की जांच में पाया गया कि दोनों की पीठ दर्द है, जिसकी वजह से वे काम काज नहीं कर पा रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि मनोनीत पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह बीमार पड़ गए। जिसके कारण 18 जनवरी को अंतिम समय में चुनाव स्थगित कर दिया गया। इसके बाद गुरिंदर सोढ़ी, एमसी, ने बुधवार रात को पीठ दर्द की सूचना दी। 16 जनवरी को सचिव फिर से पीठ दर्द के कारण चिकित्सा अवकाश पर चले गये। जिस दिन कांग्रेस पार्षद ने अपना नामांकन वापस लेने की मांग की।

हालांकि चिकित्सा अधीक्षक (एमएस) और इलाज कर रहे डॉक्टर ने इससे इनकार कर दिया। मसीह को पीठ दर्द के कारण भर्ती कराया गया था। बुधवार को पीठ दर्द की शिकायत लेकर जीएमएसएच-16 गए थे। उन्होंने आपातकालीन कक्ष में डाक्टरों से भेंट की। जांच के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। अस्पताल में फिलहाल डॉक्टर की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है।

वैसे पत्रकारों द्वारा संपर्क किये जाने पर उनका ईलाज कर रहे डाक्टर और अस्पताल के अधीक्षक दोनों ने जानकारी देने से इंकार किया। दोनों ने इस सूचना की जिम्मेदारी एक दूसरे पर टाल दी। जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके नागपाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, इलाज कर रहे हैं डॉक्टर आपको जानकारी दे सकते हैं। जब बताया गया कि इलाज करने वाले डॉक्टर ने उनसे संपर्क करने को कहा है तो उन्होंने कहा, “मैं इलाज करने वाले डॉक्टर से पूछूंगा और जवाब दूंगा।

एक सूत्र ने उल्लेख किया कि, उनके चिकित्सा इतिहास के अनुसार, पित्ताशय 17 साल पहले हुआ था ऑपरेशन, इलाज चल रहा है। वह पिछले दस साल से ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। अस्पताल के एक डॉक्टर के अनुसार, एक एमआरआई और कुछ और परीक्षण किए जाने के बाद रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

चुनाव से पहले गुरुवार को पार्षदों को जानकारी दी गयी थी। उन्हें बताया गया था कि मसीह के खराब स्वास्थ्य के कारण, उन्हें आगे तक कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंचना चाहिए। इसके बाद चुनाव 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिए गए। इस बीच, जब दूसरे चुनाव अधिकारी गुरिंदर सोढ़ी के बारे में पूछताछ की गयी। सचिव 16 जनवरी को अचानक मेडिकल अवकाश पर चले गये, इसकी जानकारी दी गयी।

कार्यालय के मुताबिक उन्हें भी भारी कमर दर्द था। कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने कहा, अधिकारी पीठ के दर्द से परेशान हैं। 16 जनवरी को जब कांग्रेस पार्षद जसबीर बंटी अपना पक्ष रखने गए और नाम वापस लेने गये तो सोढ़ी के बीमार होने की सूचना दी गयी। डीसी के एक आदेश में कहा गया है कि सोढ़ी और ईशा मेडिकल अवकाश पर चले गए हैं और कंबोज उनकी जगह लेंगे।

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