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हिंसा पीड़ित इलाके में मोहब्बत की दुकान

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कल रात ही नागालैंड के इलाके में प्रवेश कर गयी। रात के अंधेरे और ठंड के बाद भी हजारों की संख्या में लोग और खास तौर पर महिलाएं इस यात्रा के नागालैंड की सीमा में प्रवेश करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसके पहले राहुल गांधी हिंसा पीड़ित मणिपुर में दो दिन की यात्रा पूरी कर आये।

इस यात्रा के दौरान यह दिखा कि प्यार का असर अब भी होता है। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दूसरे दिन कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि मैतेई और कुकी समुदाय राहुल गांधी के प्रति अपने स्नेह में एकजुट हैं क्योंकि नागरिक समाज समूहों ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष से प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा सुनिश्चित करने के लिए संसद में मांग उठाने का आग्रह किया है।

वहां के लोग कई स्थानों पर राहुल गांधी को रोककर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर आने का आग्रह करते नजर आये। दूसरी तरफ के सी वेणुगोपाल ने कहा कि गांधी की हिंसा प्रभावित राज्य की यात्रा को मेइतेई और कुकी दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

याद दिला दें कि मणिपुर गत 3 मई, 2023 से जातीय हिंसा की चपेट में है। लगभग 200 लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक विस्थापित हुए हैं। वेणुगोपाल ने कहा, आप राज्य की स्थिति देख सकते हैं-राज्य के एक हिस्से के लोग दूसरे हिस्से की यात्रा नहीं कर सकते। चल रही हिंसा के बीच, मणिपुर तेजी से पहाड़ियों के बीच विभाजित हो गया है, जहां आबादी कुकी बहुल है और राजधानी इम्फाल समेत मैदानी इलाका, जो मैतेई बहुल है, दोनों समुदायों के लोग अपने क्षेत्रों में रह रहे हैं और उन हिस्सों की यात्रा करने में सक्षम नहीं हैं जहां दूसरे समुदाय का दबदबा है।

फिर भी इस सारे विभाजन के बीच, जब राहुल गांधी कल मैतेई समूहों से मिले तो वे उन्हें देखकर बहुत खुश हुए और जब आज वह कुकी समुदाय के लोगों से मिले, तो वे भी उन्हें देखकर बहुत खुश हुए। मणिपुर में समुदाय विभाजित हो सकते हैं लेकिन वे राहुल गांधी के प्रति अपने स्नेह में एकजुट हैं,” वेणुगोपाल ने कहा।

यात्रा के दूसरे दिन गांधी ने मणिपुर के इम्फाल पश्चिम में सेकेमी से अपनी यात्रा शुरू की, कांगपोकपी से गुजरते हुए, जो उन क्षेत्रों में से एक था, जहां बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा हुई थी, रात के लिए रुकने से पहले सेनापति (जिसमें मुख्य रूप से नागा आबादी है) तक पहुंचे। मणिपुर-नागालैंड सीमा पर खुजामा, नागालैंड।

कांग्रेस सांसद और महासचिव मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने सेनापति के करोंग गांव में संवाददाताओं से कहा कि पिछले दो दिनों में गांधी से मिलने वाले नागरिक समूह चाहते थे कि वह संसद में उनकी मांग उठाएं। कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव से पहले मणिपुर का दौरा करना चाहिए। पहले, जब हम मणिपुर आते थे, तो हम मणिपुरी संगठनों से मिलते थे।

आज मणिपुर में हमें विभिन्न समुदायों के संगठनों से मिलना हुआ है, बस यही सामाजिक ताना बाना पूरी तरह छिन्न भिन्न हो गया है। सभी लोगों ने राहुल गांधी से कहा है कि मणिपुर में एक संवेदनशील, पारदर्शी, जवाबदेह और मजबूत शासन की आवश्यकता है। नागरिक समाज समूहों ने उनसे यह भी कहा कि कांग्रेस को संसद के बजट सत्र में मांग करनी चाहिए कि मोदी को लोकसभा चुनाव से पहले मणिपुर आना चाहिए।

अक्टूबर 2022 से जनवरी 2023 तक आयोजित दक्षिण-उत्तर भारत जोड़ो यात्रा के विपरीत, यह यात्रा ज्यादातर बस द्वारा आयोजित की जा रही है और कुछ हिस्सों में पैदल यात्रा की जा रही है, रास्ते में विभिन्न बिंदुओं पर गांधी स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने के लिए रुकते हैं। राहुल गांधी ने सेनापति में मौजूद जनता को संबोधित करते हुए कहा, मैं समझता हूं कि आपने एक त्रासदी का सामना किया है, आपने परिवार के सदस्यों को खो दिया है, आपने संपत्ति खो दी है और मैं चाहता हूं कि आप जानें कि हम पूरी तरह से आपके साथ खड़े हैं, हम मणिपुर में शांति वापस लाना चाहते हैं।

हम मणिपुर को फिर से शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण बनाना चाहते हैं। मणिपुर से महाराष्ट्र तक की यात्रा 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 6,700 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस तरीके से साफ संकेत मिल जाते हैं कि दरअसल मणिपुर की जनता चाहे वह किसी भी समुदाय की हो, इस हिंसा से उब चुकी है और शांति के लिए राज्य और केंद्र सरकार की पहल की बाट जोह रही है।

इसलिए यह सवाल लोकसभा चुनाव से पहले पूरे उत्तर पूर्वी भारत में महत्वपूर्ण होता जा रहा है कि जो प्रधानमंत्री लक्ष्यद्वीप जा सकता है, वह समय निकालकर मणिपुर क्यों नहीं आ सकता है। अब तो लोग उस बात को भी गंभीरता से लेने लगे हैं कि कहीं पहाड़ी इलाकों में खनिज दोहन का अधिकार निजी कंपनी को देने की चर्चा सच तो नहीं है।

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