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काठमांडूः नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को रोजगार के लिए रूस या यूक्रेन जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है और कहा है कि कई लोगों को वहां संघर्ष में लड़ने के लिए रूसी सेना द्वारा भर्ती किया गया है। देश के रोजगार विभाग ने एक नोटिस जारी कर कहा कि उसके पास रूसी सेना में नेपाली नागरिकों के मारे जाने की रिपोर्ट है और वह मामले की आगे की जांच कर रहा है।
ऐसा माना जाता है कि लड़ाई में कम से कम 10 नेपाली मारे गए हैं और चार अन्य को यूक्रेन की ओर से पकड़ लिया गया है। हर साल हजारों नेपाली काम की तलाश में विदेश जाते हैं और रोजगार के लिए देश छोड़ने से पहले उन्हें सरकार से परमिट लेना आवश्यक होता है।
यह भी माना जाता है कि यूक्रेन की ओर से कुछ नेपाली भाड़े के सैनिकों के रूप में लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन इतना स्पष्ट है कि किसी न किसी रास्ते से नेपाली युवक रोजगार की तलाश में उस युद्धक्षेत्र में पहुंचे हैं।
इनमें से कुछ के लापता होने की भी आशंका है। पहले यह सूचना बाहर आयी थी कि इन नेपाली युवकों को वहां की निजी सेना वैगनर के साथ जोड़ा गया था। किसी अज्ञात स्थान पर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हें यूक्रेन के मोर्चे पर भेजा गया था।
नेपाल सरकार ने अब भविष्य में इस संभावना को पूरी तरह खत्म करने के लिए ही नया प्रावधान लागू कर दिया है। इस नियम के तहत अब कोई भी नेपाली नागरिक रूस अथवा यूक्रेन नहीं जा सकता है। दरअसल यह भी माना जा रहा है कि नेपाल में भीषण बेरोजगारी की स्थिति होने की वजह से भी युवक किसी न किसी रोजगार की तलाश में हैं। ऐसे में युद्धक्षेत्र में भी भाग लेकर रोजी रोटी कमाना उनकी मजबूरी भी है।