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राज्य सरकार ने जोन की जगह रेंज किया

अपने ही आदेश पर मुख्यमंत्री जी आप अमल क्यों नहीं करते


  • आईजी के बदले डीआईजी की पोस्टिंग

  • दरभंगा और पूर्णिया रेंज अब चर्चा में

  • एक फैसले से उठ रहे हैं कई सवाल


दीपक नौरंगी

भागलपुरः बिहार में दस आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ है। इस एक फैसले की वजह से खुद मुख्यमंत्री नीतीश  कुमार सवालों के घेरे में हैं। यह चर्चा आम है कि क्या बिहार में आईजी रैंक के अफसर  की कमी हो गई है। रेंज में आईजी के पद को डी आईजी से क्यों भरा जा रहा है। अगस्त 2019 अधिसूचना को सरकार क्यों नहीं मान रही है। अपने ही फैसले को क्यों पलट रही है। क्या इसके पीछे लोकसभा का कोई चुनावी वजह है या सरकार किसी के दबाव में ऐसा कर रही है।

इसमें दो रेंज फिर सुर्खियों में है और पूर्णिया रेंज और दरभंगा रेंज, जहां सरकार ने आईजी की पोस्टिंग का पद की स्वीकृति दी थी और वहां रेंज में आईजी की पोस्टिंग भी हो रही थी लेकिन लोकसभा चुनाव नजदीक है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने ही निर्णय में इस तरह का बदलाव क्यों किया यह आईएएस रैंक और आईपीएस में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार 18 साल से बिहार के मुख्यमंत्री है और अपने दिए गए आदेशों को क्यों बदल रहे हैं। एक अनुभवी भी मुख्यमंत्री के रूप में इस प्रकार का निर्णय आईपीएस अधिकारी के पद के लिए लेना कितना उचित है, इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।

उनकी सरकार ने यह आईजी की पोस्टिंग के लिए नियम बनाया था और रेंज बनाया था मुख्यमंत्री जी क्या आईजी की जगह डीआईजी की पोस्टिंग करने का विचार किसी आईएएस अफसर या किसी सीनियर आईपीएस ने आपको यह सुझाव तो नहीं दिया तो ऐसा सुझाव सही या गलत है। किसकी सलाह पर ऐसा किया जा रहा है, विधि व्यवस्था को लेकर यह गंभीर मुद्दा है। इस पर एक बार पुनः विचार करना चाहिए।

कुछ वर्ष पहले बाबूराम दरभंगा जिला के सीनियर एसपी थे उन्होंने किसी पुलिस इंस्पेक्टर या दरोगा पर विभागीय कार्रवाई की होगी। तो वह दरोगा या पुलिस इंस्पेक्टर अपील में एसपी से सीनियर रेंज में डीआईजी या आईजी के पास अपील में जाएगा। ऐसे में इस रेंज में डीआईजी बाबूराम पोस्टिंग हो जाती है ऐसे में वह दरोगा और पुलिस इंस्पेक्टर को न्याय कहां से मिल पाएगा।

क्योंकि जो एसपी में जो कार्रवाई बाबूराम साहब ने की होगी वह डीआईजी के पद पर वहां जाते हैं तो उसको क्यों बदलेंगे। ऐसे में न्याय के मौलिक सिद्धांतों की हत्या है। बाबूराम पहले दरभंगा में सीनियर एसपी के पद पर रह चुके हैं उन्हें उन्हें दरभंगा रेंज का डीआईजी बनाना कितना उचित है और पटना एसएसपी गरिमा मलिक रह चुकी है उन्हें पटना रेंज का आईजी बनाना कितना सरकार के द्वारा लिया गया निर्णय सही है, इस पर चुनाव आयोग को भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

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