पेट्रोल पंप बंद हुए तो केंद्र सरकार को समझ में आ गयी परेशानी
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रात को हुई बैठक में बनी सहमति
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सरकार ने जारी की है एक विज्ञप्ति
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दो हजार पेट्रोल पंप बंद हो गये थे
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः नये कानून के विरोध में देश भर के ट्रक चालकों की हड़ताल ने केंद्र सरकार को घुटनों पर ला दिया। दरअसल नये कानून को लागू करने के पहले संबंधित पक्षों से विचार विमर्श नहीं करने की वजह से सरकार की फिर से फजीहत हुई। इससे पहले तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर भी सरकार से ऐसी ही गलती हुई थी।
किसानों से देश की आम जनता के सड़कों पर आने का खतरा नहीं होने की वजह से वह आंदोलन एक साल तक खींचता रहा। इस बार जैसे ही हर स्तर पर पेट्रोल पंपों पर लोगों की कतार की परेशानी की सूचना मिली, सरकार को समझ में आ गयी कि परेशानी और बढ़ने जा रही है। इस वजह से कल रात ही आनन फानन में हड़तालियों के साथ वार्ता कर इसे खत्म कराया गया।
सरकार की तरफ से इस बारे में जो विज्ञप्ति जारी की गयी है, उसके मुताबिक भारत सरकार ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) के तहत 10 साल की कैद और जुर्माने के प्रावधान के संबंध में ट्रक ड्राइवरों की चिंताओं का संज्ञान लिया है और आज ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की है।
सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। हम यह भी बताना चाहेंगे कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा। हम ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और सभी ड्राइवरों से वापस लौटने की अपील करते हैं।
इससे यह बात भी स्पष्ट हो गयी कि इस प्रावधान को लागू करने के पहले इसके सामाजिक प्रभाव का आकलन नहीं किया गया था। देश के अनेक हिस्सों में खास तौर पर ईंधन की आपूर्ति बाधित होने से उत्पन्न होने वाली स्थिति ने ही सरकार को त्वरित कार्रवाई करने पर बाध्य किया। यह माना जा रहा था कि अगर दो तीन दिन और यह आंदोलन जारी रहता तो पूरे देश में सब्जी, दूध और अन्य आवश्यक सामानों की भी कमी हो जाती।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के सदस्यों के साथ बैठक के बाद सरकार ने कहा कि लापरवाही से गाड़ी चलाने पर नया नियम अभी तक लागू नहीं किया गया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधि और उसके बाद ही हम कोई निर्णय लेंगे।
ट्रक ड्राइवरों के संगठन के अध्यक्ष अमृत लाल मदान ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नए हिट-एंड-रन कानून को रोकने पर सहमत हो गए हैं – जिसके कारण ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल हुई थी। उन्होंने कहा, अमित शाह ने 10 साल की सजा और जुर्माने को रोक कर रखा है। जब तक ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की अगली बैठक नहीं हो जाती, तब तक कोई कानून नहीं लगाया जाएगा।
2 जनवरी को कुछ ट्रक एसोसिएशनों की हड़ताल दूसरे दिन ही देश के लगभग 2,000 पेट्रोल पंप, ज्यादातर पश्चिमी और उत्तरी भारत में, ईंधन स्टॉक से बाहर हो गए। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि जहां सरकारी स्वामित्व वाली तेल कंपनियों ने ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल की आशंका में देश भर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर टैंक भर दिए थे,
वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब के कुछ पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ के कारण स्टॉक खत्म हो गया। इससे आने वाले दिनों में कई किस्म की परेशानी उत्पन्न होने का अंदेशा केंद्र सरकार को हो गया था। जिस कारण आनन फानन में यह बैठक बुलायी गयी और आंदोलनकारियों की बात मानते हुए इसे समाप्त कराया गया।