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नईदिल्लीः केंद्र ने अतिरिक्त कर हस्तांतरण आय के रूप में राज्यों को 72,961.21 करोड़ जारी किए है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि केंद्र ने विभिन्न सामाजिक कल्याण उपायों और बुनियादी ढांचा विकास योजनाओं के वित्तपोषण के लिए कर हस्तांतरण के रूप में राज्यों को ₹72,961.21 करोड़ जारी किए हैं। इससे चंद दिन पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि किसी राज्य का कोई बकाया नहीं है। जिन राज्यों का पैसा रोका गया है, वहां से सारे दस्तावेज सही तरीके से प्राप्त नहीं हुए हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की बैठक में आने के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से मिलकर राज्य का पैसा जबरन रोके जाने की शिकायत की थी।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह राशि 10 जनवरी 2024 को राज्यों को देय कर हस्तांतरण आय और 11 दिसंबर 2023 को राज्यों को वितरित ₹72,961.21 करोड़ के अतिरिक्त है। केंद्र आम तौर पर 14 वार्षिक किस्तों में कर हस्तांतरण निधि का वितरण करता है, जिसमें मासिक भुगतान और मार्च में तीन अतिरिक्त संवितरण शामिल हैं।
नवीनतम आवंटन में, उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा हिस्सा ₹13,088.51 करोड़ प्राप्त हुआ। इसके बाद बिहार ( ₹7,338 करोड़), मध्य प्रदेश ( ₹5,727.44 करोड़), पश्चिम बंगाल ( ₹5,488.88 करोड़), महाराष्ट्र ( ₹4,608.96 करोड़), राजस्थान ( ₹4,396.64 करोड़), और ओडिशा ( ₹3,303.69 करोड़) रहे।
छोटे आवंटन गोवा (₹281.63 करोड़), सिक्किम (₹283.10 करोड़), मिजोरम (₹364.80 करोड़), और नागालैंड (₹415.15 करोड़) को दिए गए। कर हस्तांतरण, राज्य सरकारों के लिए वित्त पोषण का एक प्रमुख स्रोत है, जिसमें केंद्र अपने कर संग्रह का लगभग 41 फीसद राज्यों को विकास, कल्याण और प्राथमिकता क्षेत्र की परियोजनाओं और योजनाओं के लिए सालाना वितरित करता है।
सभी गैर भाजपा शासित राज्य इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते रहे हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार अपनी तरफ से कहीं कोई गड़बड़ी नहीं होने तथा किसी राज्य का पैसा बकाया नहीं होने की दलील देती आयी है।