मुंबईः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कमाई के मामले में टॉप पर है। बीसीसीआई के पास क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से 28 गुना ज्यादा पैसा है। आइये जानते हैं पीसीबी समेत अन्य बोर्ड का हाल।भारतीय क्रिकेट टीम भले ही पिछले 10 साल से कोई आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी हो, लेकिन इसका असर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की कमाई पर नहीं पड़ा है।
यही कारण है कि बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। हाल ही में एक रिपोर्ट में बीसीसीआई की कुल संपत्ति का खुलासा हुआ है, जो दूसरे स्थान पर काबिज क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) से करीब 28 गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के तहत बीसीसीआई के पास 18760 करोड़ रुपए हैं। वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के पास सिर्फ 658 करोड़ रुपए ही हैं।
जबकि पाकिस्तान 458 करोड़ रुपए के साथ चौथे स्थान पर है। आइये जानते अन्य क्रिकेट बोर्ड का क्या हाल है? बीसीसीआई के अमीर बनने के पीछे सबसे बड़ा कारण इंडियन प्रीमियर लीग है, जिसकी शुरुआत साल 2008 में हुई थी। आईपीएल की शुरुआत के बाद से बीसीसीआई पर जमकर पैसों की बारिश हो रही है। बीसीसीआई ने 2023 से 2027 तक के प्रसारण अधिकारों के लिए बोली लगाई थी और इससे उसे करीब 44,075 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था, जो 2017-22 के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा था।
आईपीएल के एक मैच से बीसीसीआई को करीब 107 करोड़ रुपए की कमाई होती है। बोर्ड ने प्रसारण अधिकार दो पैकेज में (टीवी और डिजिटल) में बेचे थे। इसके तहत, टीवी प्रसारण अधिकार वाले पैकेज से उसे एक मैच से 57 करोड़ और डिजिटल पैकेज से 50 करोड़ रुपए की कमाई होगी। शीर्ष दस क्रिकेट बोर्ड पर नजर डालें तो न्यूजीलैंड का क्रिकेट बोर्ड सबसे नीचे है, जिसके पास सिर्फ 75 करोड़ रुपए हैं। शायद इसी कारण कीवी क्रिकेटर दुनियाभर की घरेलू टी-20 लीगों में खेलते हैं। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान केन विलियम्सन के पास अपने क्रिकेट बोर्ड से ज्यादा पैसा है। विलियम्सन की कुल 91।77 करोड़ रुपए है, जो उनके बोर्ड से करीब 16.77 करोड़ रुपए ज्यादा है। विलियम्सन ने 2015 से लगातार आइपीएल खेल रहे हैं। इस दौरान वह 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद से जुड़े और 2023 तक वे इस फ्रेंचाइजी से वेतन के तौर पर 28 करोड़ रुपए कमा चुके हैं।
शीर्ष देशों के क्रिकेट बोर्ड के पास इतना पैसा
भारत – 18700 करोड़ रुपए
ऑस्ट्रेलिया – 658 करोड़ रुपए
इंग्लैंड – 492 करोड़ रुपए
पाकिस्तान – 458 करोड़ रुपए
बांग्लादेश – 425 करोड़ रुपए
द। अफ्रीका – 392 करोड़ रुपए
जिम्बाब्वे – 317 करोड़ रुपए
श्रीलंका – 166 करोड़ रुपए
वेस्टइंडीज – 125 करोड़ रुपए
न्यूजीलैंड – 75 करोड़ रुपए