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बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचा रही हेमंत सरकारः प्रतुल

  • स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट में हुआ है खुलासा

  • राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता के साथ खिलवाड़

  • घुसपैठियों को निकालने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की

रांचीः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता कर हेमंत सरकार पर बड़ा हमला बोला। प्रतुल ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देकर राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता से खिलवाड़ कर रही है।  प्रतुल ने कहा कि इस संबंध में कई कानूनों तथा भारतीय संविधान की धारा का उल्लेख कर कहा कि विदेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार करने और बाहर करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार को दी गई है।

उसके बावजूद भी राज्य सरकार इस पूरे मुद्दे पर कुंडली मारकर बैठी हुई है।क्योंकि इन घुसपैठियों को वह वोट बैंक के रूप में प्रयोग कर रही है। प्रतुल ने कहा कि घुसपैठियों का फर्जी आधार कार्ड को भी रद्द करने का अधिकार राज्य सरकार के पास गृह मंत्रालय ने 2019 में ही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बना कर दे दिया था।जिससे यह इन फर्जी आधार कार्ड को रद्द कर सकते हैं ।राज्य सरकार केंद्र पर दोषारोपण करती थे।लेकिन अब तो यह स्पष्ट है की आधार कार्ड रद्द करने और इन घुसपैठियों को बाहर करने की जिम्मेदारी पूर्णता राज्य सरकार की है।

प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस के कार्यों में और जवाबों में भी हस्तक्षेप कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।प्रतुल ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार के इशारे पर कई जिलों की पुलिस घुसपैठियों के उपस्थिति से न सिर्फ इनकार कर रही है।बल्कि घुसपैठ रोकने के लिए बड़े-बड़े कदम उठाने की बात कर रही है।

सूचना अधिकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार लोहरदगा जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने घुसपैठियों की संख्या शून्य बताई है। जबकि 12 अप्रैल 2020 को ही स्पेशल ब्रांच ने लोहरदगा दंगों में रोहिंग्या मुसलमान का हाथ बताया था।इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने की एक दिन के बाद ही खुफिया विभाग के लोहरदगा डीएसपी जितेंद्र कुमार सहित चार डीएसपी का तबादला हो गया था।

कुछ ऐसे ही हालात दुमका,जामताड़ा, पाकुड़ और गोड्डा जिला के पुलिस अधीक्षकों के कार्यालय से सूचना के अधिकार के तहत मिले जवाबों से प्राप्त हुई है। दुमका में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या शून्य बताया गया है और घुसपैठ रोकने के बड़े-बड़े कदम उठाने का दावा किया गया है।जामताड़ा, पाकुड़ और गोड्डा जिलों ने भी ऐसा ही मिलता जुलता जवाब दिया है।

लेकिन इन जवाबों के बिल्कुल उलट झारखंड के स्पेशल ब्रांच में 2 जून ,2023 को पत्र लिखकर साफ कहा है की झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रवेश करने की सूचना है। इन घुसपैठियों को पहले मदरसा में ठहराया जाता है।उसके पश्चात इनका सरकारी दस्तावेज तैयार किया जाता है और नाम मतदाता सूची में डाला जाता है। फिर साजिश के तहत इन्हें बसाया जाता है जिससे राज्य की आर्थिक व्यवस्था पर खतरा बना रहता है। प्रतुल ने कहा कि राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट को पूरे तरीके से गोल कर दिया है। ये  देश की एकता, संप्रभुता से खिलवाड़ करने समान है।

शाहदेव ने कहा 5 वर्षों तक बेदाग सरकार चलाने वाले रघुवर दास जी पर झारखंड के इतिहास के सबसे भ्रष्ट सरकार के मुखिया का आरोप पिछड़ा वर्ग को अपमानित करने समान। एक प्रश्न के जवाब में प्रतुल ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 से 2019 के बीच में  बेदाग छवि वाली सरकार दी थी ।उस पर आज झारखंड के इतिहास के भ्रष्टतम सरकार के मुखिया के द्वारा आरोप लगाना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिछड़ा विरोधी मानसिकता को दिखाता है। इंडी गठबंधन के नेताओं को ना तो पिछड़ा के रूप में प्रधानमंत्री स्वीकार हैं ।ना ही एक पिछड़ा का बेटा उड़ीसा जैसे राज्य का राज्यपाल बने यह स्वीकार्य है।

प्रतुल ने कहा कि जब से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खुद माइंस मंत्री रहते अपने नाम से माइंस का आवंटन करने के मुद्दे को सार्वजनिक किया था,उसके बाद से ही मुख्यमंत्री जी अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं। 4 वर्षों तक इस सरकार को पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री के खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिला ।

अब यह सरकार अपनी विदाई की वेला में सिर्फ यह एक फर्जी जांच का ढोंग कर रहे हैं।वास्तविकता में यह सरकार झारखंड के सबसे सरकार  भ्रष्ट सरकार में गिनी जाएगी।अवैध पत्थर खनन घोटाला, अवैध कोयला खनन घोटाला, अवैध जमीन घोटाला, बीज घोटाला, ट्रांसफर पोस्टिंग घोटाला, शराब घोटाला – इस सरकार में घोटाले की एक लंबी लिस्ट है और ये दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। आज की प्रेस वार्ता में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अशोक बड़ाइक, तारिक इमरान, और अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी सीता राम रवि भी उपस्थित थे।

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