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भाजपा ने मिजोरम के लिए जारी की 12 उम्मीदवारों की पहली सूची

  • वर्तमान वि. सभा में एमएनएफ के 28 सदस्य

  • सत्ताधारी एमएनएफ प्रमुख जोरामथंगा सीएम चेहरा

  • मुख्य मुकाबला चार दलों के बीच बंटा हुआ है

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है। इनमें  पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम भी शामिल है।मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के नेतृत्व वाली सरकार है, जिसके मुख्यमंत्री जोरामथंगा हैं। मिजोरम में भी एक चरण में सात नवंबर को मतदान कराया जाएगा। चुनाव नतीजे एक साथ तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

इस बीच, राज्यों में सियासी हलचल तेज है। सभी दलों के दिग्गज नेता चुनावी कार्यक्रमों में ताकत झोंक रहे हैं।  भाजपा ने मिजोरम विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपने 12 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। मिजोरम के 40 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की यह पहली सूची जारी की है।

इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी।इस लिस्ट में पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख लालसावता को आइजोल पश्चिम-III से चुनावी मैदान में उतारा गया है। वहीं, लालनुनमाविया चुआंगो को आइजोल उत्तर-I (एसटी) से उम्मीदवार बनाया गया है। हाचेक (एसटी) से लालरिंडिका राल्ते, डंपा (एसटी) से लालमिंगथांगा सेलो और आइजोल उत्तर-II से लालरिनमाविया चुनाव लड़ेंगे।

इस वक्त राज्य में मिजोरम नेशनल फ्रंट यानी एमएनएफ की सरकार है, जिसके सामने चुनाव में अपनी सत्ता बचाने की चुनौती होगी। वहीं कांग्रेस दोबारा राज्य की सत्ता में काबिज होने के लिए जोर-आजमाइश लगा रही है। इससे पहले चार अक्तूबर को 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए एमएनएफ ने सभी सीटों पर नामों की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री और एमएनएफ अध्यक्ष जोरामथंगा आइजोल पूर्व-I से चुनाव लड़ेंगे। यह सीट सीएम ने 2018 के विधानसभा चुनावों में जीती थी।वहीं राज्य के अन्य मुख्य विपक्षी दलों कांग्रेस, भाजपा और जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने अब तक कोई सूची नहीं जारी की है। वर्तमान में सियासी समीकरण की बात करें तो, इस वक्त 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में एमएनएफ के 28,  कांग्रेस के पांच, जेडपीएम के एक और भाजपा के एक विधायक हैं। पांच सीट पर निर्दलीय विधायक हैं। राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री और सत्ताधारी एमएनएफ प्रमुख जोरामथंगा हैं। एमएनएफ इस बार भी उनके चेहरे के साथ ही चुनाव में जाएगी।

वहीं भाजपा के रुख की बात करें तो वह इस चुनाव में सामूहिक नेतृत्व के जरिए जनता के सामने जा रही है। मिजोरम भाजपा अध्यक्ष वनलाल हमुआका राज्य के चर्चित चेहरों में गिने जाते हैं। पार्टी यहां अपने आंकड़ों को और मजबूत करने को देखेगी।

कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री पद की रेस में कई चेहरों की चर्चा होती है। इनमें मिजोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष लालसावता शामिल भी हैं।  इस चुनाव में राज्य में महिलाओं, युवाओं और मजदूरों से जुड़े मुद्दे हैं। इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं। किसानों के मुद्दों को भी पार्टियां लगातार उठा रही हैं।

भाजपा ने कहा है कि उसकी सरकार स्व-रोजगार शुरू करने वालों को पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देगी। पार्टी ने किसानों को ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण प्रदान करने के अपने लक्ष्य को भी सामने रखा है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एमएनएफ, जेडपीएम, कांग्रेस और भाजपा के बीच होने की उम्मीद है। कांग्रेस ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में दो स्थानीय पार्टियों पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और जोरम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) के साथ मिलकर मिजोरम सेक्युलर अलायंस (एमएसए) बनाया है।

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