Breaking News in Hindi

तरुवनवा में शुरू हुई बरना त्यौहार

  • बांध दिया ओखल-मूसल

  • जुटाया हरा चारा और लगै लाकडाउन

  • हरे पेड़ को नहीं पहुंचाया नुकसान

शिवा तिवारी

बगहा, प.च. : प्रखंड बगहा -2 की देवरिया तरुवानवा गांव में सन्नाटा पसरा है। घर-घर के लोग अपने घरों में कैद हैं। कंप्लीट लॉक डाउन का आलम है। हालांकि यह लॉक डाउन किसी आपदा का नतीजा नहीं, बल्कि आपदा से बचे रहने का उपक्रम है। दरअसल, तरुवानवा गांव में बरना नामक पारंपरिक अनुष्ठान शनिवार की दो बजे से शुरू हुआ है।

48 घंटे के इस अनुष्ठान का समापन सोमवार की शाम में होगा। अनुष्ठान के आरंभ में वनदेवी की विधिवत आराधना गांव के गुरो त्रिवेणी महतो ने की। थारू जनजाति समुदाय में गुरो की जिम्मेदारी आपदा से बचाव के लिए धार्मिक गतिविधियां संपन्न कराने की होती है। इसी प्रक्रिया के तहत पूरे गांव के लोग जहां वनदेवी की पूजा अर्चना में तल्लीन रहे,इस अवसर पर अगले 48 घंटे के दौरान किसी भी हरे पौधे को क्षति नहीं पहुंचाने का सामूहिक संकल्प भी गुरो ने ग्रामीणों से कराया।

बरना के दौरान आराधना में शामिल गुरो समेत डेगवहिया दीपू महतो, वीरेंद्र महतो, कमलेश पटवारी , श्रीकांत कुमार, गोपाल महतो, नरेश कुमार, पवन कुमार, विनोद ओजहिया आदि ग्रामीणों ने बताया कि मूलतः यह प्रकृति की पूजा का अनुष्ठान है। हरियाली के संरक्षण का पारंपरिक अनुष्ठान है।  जनजाति समुदाय का विश्वास है कि इस अनुष्ठान से

गांव की सीमा में किसी प्रकार का रोग का प्रवेश नहीं होता है। बरना शुरू होते ही डेगवाहक गांव के सिवान की निगरानी शुरू कर देते हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति घर से बाहर या सरेह में नहीं निकले। अगर किसी ने विधान का उल्लंघन किया तो उसपर एक हजार रुपये का दंड लगाया जाता है। थरुहट के गांवों में यह परंपरा आदि काल से चली आ रही है। दंड की राशि में समय के अनुरूप परिवर्तन करने का अधिकार ग्रामीणों की सहमति से गुरो को होता है।

देवरिया तरुवानवा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि संजय कुमार ओजहिया ने बताया कि बहुत ही खुशी बात है कि आज तरुवानवा गांव के वरना पूजा किया गया। यह सदियों से बरना का पूजा चलते आ रहा है। इस दौरान गांव के सभी बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। जिसमें पूर्व सरपंच नन्दकिशोर महतो, प्रकाश गुरो, किशोर महतो, संजय ठिकदार, गुमस्ता चन्द्रशेखर महतो, मारकन्डे गुरो, प्रकाश गुरो, निरज ओजहिया, योगेन्द्र महतो, भण्डारी बैधनाथ महतो उपस्थित थे।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।