Breaking News in Hindi

पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकला आदित्य एल 1

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः आदित्य एल 1 अब धरती के पांचवे चक्कर का काम भी सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। इसरो ने पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण बॉल से परे ट्रांस लैग्रानजेन प्वाइंट पर सौर प्रणाली की स्थापना की है। वहां से, सूर्य और पृथ्वी आदित्य-एल के बीच 5 अंक तक पहुंच जाएंगे। पृथ्वी की कक्षा में इस्राओ के सौर मंडल का अंतिम चरण भी पूरा हो गया था। सोलर सिस्टम ऑर्बिट बदलकर दुनिया की ग्रेविटी बॉल से बाहर चला गया। इस बार उनका लक्ष्य सूर्य और पृथ्वी, या एल 5 अंक के बीच का लैग्रेंज पॉइंट है। इसरो ने एक्स हैंडल पर कहा कि सोमवार को दोपहर 2 बजे तक, आदित्य-एल की पांचवीं कक्षा पृथ्वी से बदल गई है।

इसरो ने पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण बॉल से परे ट्रांस लैग्रानजेन प्वाइंट पर सौर प्रणाली की स्थापना की है। वहां से, सूर्य और पृथ्वी आदित्य-एल के बीच 5 अंक तक पहुंच जाएंगे। इसरो का कहना है कि सौर मंडल को 7 दिनों के बाद L1 के पास एक अन्य कक्षा में भेजा जाएगा। इसरा ने धरती से दूर -दूर तक एक दूरस्थ वस्तु के लिए अंतरिक्ष यान भेजा है।

इसके साथ, वे अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से बाहर भेजने में सफल रहे। इससे पहले चंद्रजान -1 के मामले में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों को भी यही सफलता मिली थी। 2 सितंबर को, आदित्य-एल-एल 1 को श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र से रवाना किया गया था।

उसके बाद, सौर मंडल पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण गेंद के नीचे इसके चारों ओर चक्कर खा रहा था। पृथ्वी के पास कुल पांच कक्षाओं के बाद, इसे आखिरकार दूर कर दिया गया। आदित्य-एल -1 सूर्य और पृथ्वी के बीच 5 बिंदुओं पर सूर्य का निरीक्षण करेगा। पृथ्वी से इसकी दूरी 1 मिलियन किलोमीटर होगी। सूर्य के बारे में कई अज्ञात जानकारी को इसके परिणामस्वरूप पता लगाने में सक्षम माना जाता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.