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आदित्य एल 1 यान एक कदम और आगे

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्ली: सूर्य मिशन पर भेजे गये आदित्य-एल1 की कक्षा बढ़ाने की चौथी प्रक्रिया सफल हुई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार सुबह सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य एल1 मिशन का पृथ्वी-संबंधित चौथी प्रक्रिया (मैन्यूवर) सफलतापूर्वक पूरी की। आज सुबह 0200 बजे इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी), बेंगलुरु में कक्षा बढ़ाने का काम किया गया।

इसरो ने सोशल मीडिया नेटवर्क -एक्स’ पोस्ट किया, सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य एल1, ने गुरुवार/शुक्रवार के शुरुआती घंटों में अपना चौथा पृथ्वी-संबंधित मैन्यूवर सफलतापूर्वक पूरी कर लिया। इसमें कहा गया, चौथा पृथ्वी-से जुड़ा मैन्यूवर (ईबीएन#4) सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है।

अंतरिक्ष एजेंसी ने एक्स पर लिखा, मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-शार और पोर्ट ब्लेयर में इसरो के ग्राउंड स्टेशनों ने इस ऑपरेशन के दौरान उपग्रह को ट्रैक किया, जबकि वर्तमान में आदित्य-एल 1 के लिए फिजी द्वीप समूह में एक परिवहनीय टर्मिनल पोस्ट-बर्न संचालन का समर्थन करेगा। हासिल की गई नई कक्षा 256 किमी ७ 121973 किमी है।

अगला मैन्यूवर, ट्रांस-लैग्रेजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (टीएल1आई), जो पृथ्वी से प्रस्थान का प्रतीक है, 19 सितंबर को लगभग 2 बजे के लिए निर्धारित है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की, सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन, आदित्य एल 1, ने गुरुवार के शुरुआती घंटों में अपना चौथा पृथ्वी-आधारित प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया।

इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 19 सितंबर को सुबह करीब 2.30 बजे सूर्य के चारों ओर अपनी अगली कक्षा बदलेगा। यह पृथ्वी के खिंचाव पर काबू पाने के लिए सौर यान का अंतिम चरण होगा। यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के बाहर भेजा गया। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पर काबू पाने के बाद आदित्य को पृथ्वी और सूर्य के बीच लैग्रेंज बिंदु (एल1 बिंदु) तक पहुंचने में 110 दिन और लगेंगे। वहां पहुंचकर वह सूर्य को करीब से देखेंगे।

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