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पत्नी की मीडिया कंपनी के अनुदान का मामला गरमाया

कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोपों में असम के सीएम हिमंता ने सफाई दी

  • पहली बार गौरव गोगोई ने सवाल उठाया

  • विभागीय वेबसाइट की लिंक भी साझा की

  • कृषि भूमि की श्रेणी में भी बदलाव किया गया

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा के परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाया गया है। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा नेता हिमंत की पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा की कंपनी ‘प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट’ को अवैध रूप से 10 करोड़ रुपया की सब्सिडी मिली है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कुछ संबंधित दस्तावेज पेश करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान समाधान योजना के तहत किसानों के लिए सब्सिडी की घोषणा की। लेकिन असम के मुख्यमंत्री ने प्रभावित होकर अपने परिवार के लिए भी सब्सिडी की व्यवस्था की है। बाद में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस कर इससे संबंधित दस्तावेज मीडिया को दिखाया।

आरोपों के बाद हिमंत ने भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, मेरी पत्नी जिन कंपनियों से जुड़ी हैं, उनमें से किसी ने भी सरकार से कोई वित्तीय सब्सिडी नहीं ली है। इसके बाद गौरव ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट का लिंक पोस्ट किया। और अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की वेबसाइट पर उस व्यक्ति और जिस कंपनी से वह जुड़ा है उसका नाम स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। 10 करोड़ का सरकारी अनुदान भी स्वीकृत किया गया है। अगर वेबसाइट हैक हो गई है तो कृपया केंद्रीय मंत्री को रिपोर्ट करें।

2021 में एक सर्वे फर्म और मीडिया के एक वर्ग ने हिमंत की पत्नी रिनिकी और उनके बेटे नंदिल की कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 29 बीघे सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया था। इसके बाद क्रॉसकरंट नामक संस्था को मिली जानकारी के आधार पर पता चला कि हिमंत के मुख्यमंत्री बनने के बाद हिमंत की पत्नी रिनिकी ने नगांव जिले के कोलियाबारे दरगाजी गांव के पांच निवासियों से 50 बीघे 2 कट्ठा कृषि भूमि खरीदी।

रिनिकी की कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट को कृषि भूमि की श्रेणी बदलने और वहां खाद्य प्रसंस्करण उद्यम स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री किसान समद योजना से 10 करोड़ रुपये की सरकारी सहायता भी मिली। रिनिकी के स्वामित्व वाली कंपनी कई समाचार और मनोरंजन चैनल, चाय बागान, होटल, रिसॉर्ट, स्कूल, समाचार पत्र सहित कई व्यवसायों में शामिल है।

लेकिन नियम यह है कि सीलिंग कानून के मुताबिक कोई भी व्यक्ति 49.5 बीघे से ज्यादा कृषि भूमि का मालिक नहीं हो सकता। दावा है, इसलिए, मुख्यमंत्री की पत्नी द्वारा जमीन खरीदने के बाद, इसकी श्रेणी को औद्योगिक भूमि में बदल दिया गया। उसके आधार पर प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट ने वहां एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर निर्माण परियोजना के तहत केंद्रीय सहायता के लिए आवेदन किया और उसे 10 करोड़ रुपये मिले।

पूरी प्रक्रिया महज 10 महीने में पूरी हो जाती है। कांग्रेस, तृणमूल, राइजर दल, असम नेशनल असेंबली जैसे विपक्षी दलों का आरोप है कि मुख्यमंत्री का परिवार प्रभाव के जरिए कृषि भूमि का चरित्र बदल रहा है और केंद्र से मदद मांग रहा है। किसानों की जमीन जबरदस्ती ली जा रही है। रिनिकी की संस्था के खिलाफ पिछले दिनों आरटीआई के जरिए जुटाई गई जानकारी में कामरूप के बंगोरा इलाके में भूमिहीनों को आवंटित 18 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण के सबूत भी मिले थे। विभिन्न सबूतों का हवाला देते हुए,  कांग्रेस ने हिमंत और उनके परिवार पर कोविड-19 महामारी के दौरान सैनिटाइज़र और पीपीई किट की खरीद में घोटाले का भी आरोप लगाया था। हालांकि, हिमंत ने हर बार आरोपों से इनकार किया।

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