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तस्करी में अब स्कूली बच्चों का भी इस्तेमाल

  • पिता पुत्र की जोड़ी का पता चला

  • नकली नोट और नशा पकड़े गये

  • यहां सोने की तस्करी भी हो रही है

राष्ट्रीय खबर

मुर्शिदाबादः बांग्लादेश सीमा के करीब तस्करी के नये नये तरीकों का ईजाद हो रहा है। तस्करी की नई तकनीक की वजह से सुरक्षा गार्ड इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि पिता स्कूल जाने वाले बेटे के टिफिन बॉक्स में रोटी-सब्जी के साथ नकली पैसों से भर रहा है और एक दिन स्वाद बदलने के लिए हेरोइन दे रहा है। इस तरह सीमा पर तस्करी चल रही है।

बांग्लादेश में ड्रग्स की तस्करी कभी घास की बोरियों की आड़ में, तो कभी साइकिल ट्यूब के नीचे की जाती है। दरअसल, जैसे-जैसे सुरक्षा बढ़ती जा रही है, तस्करी के विभिन्न तरीके बढ़ते जा रहे हैं। तस्करी की उस नई योजना में पिता-पुत्र को जोड़ा जा रहा है। बार-बार तस्करी की यह रणनीति सफल होती है। लेकिन सिलसिलेवार घटनाओं को देखने के बाद बीएसएफ को यकीन है कि अब उनसे नजरें नहीं चुराई जा सकेंगी।

दरअसल, सुरक्षा गार्ड सोच भी नहीं पाए कि पिता स्कूल जाने वाले बेटे के टिफिन बॉक्स में रोटी-सब्जी के साथ नकली पैसों से भर रहा है और एक दिन स्वाद बदलने के लिए हेरोइन दे रहा है। आए दिन मुर्शिदाबाद सीमा के जरिए बांग्लादेश में ड्रग्स, नकली पैसे, सोने के सिक्कों की तस्करी हो रही है। उस तस्करी को रोकने में बीएसएफ को बार-बार हैरान होना पड़ता है।

जांचकर्ता धीरे-धीरे मुर्शिदाबाद के शमसेरगंज, सुती, जलांगी जैसे सीमावर्ती इलाकों से तस्करी के आरोप में एक के बाद एक पिता और पुत्र की गिरफ्तारी का मिलान करने में सक्षम हो रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, आबादी वाले इलाकों में तस्करी के सामान का सुरक्षित आदान-प्रदान करने के लिए नाबालिगों को निशाना बनाया जा रहा है। सबकी नजरों से बचने के लिए उस घेरे में छोटे बच्चों के पिता को भी शामिल कर लिया जाता है। मूल रूप से, कृषक युवा और वयस्क कुछ अतिरिक्त आय के लिए तस्करी में शामिल हैं, वे अपने छोटे बच्चों को अपराध की दुनिया में बढ़ावा दे रहे हैं!

शमसेरगंज इलाके का डाकबंगला इलाका। सामने से गुजरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 34। गत 29 अगस्त को पुलिस ने यहां सोहेल राणा नाम के 15 साल के स्कूली छात्र को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 500 रुपए के 112 नकली नोट मिले। पुलिस की जांच में पता चला कि सोहेल के पिता नकली पैसे को सीमा पार कर भारत लाए थे। पिता लेन-देन के मामले में बेटे को सबसे वफादार मानता था। बेटे का स्कूलबैग पिता के तस्करी के धंधे का सुरक्षित ठिकाना बन गया है।

एक और उदाहरण इसी साल जून में पुलिस को मिला। मुर्शिदाबाद के बाउरिया से तीन लाख रुपये के नकली नोटों के साथ दो किशोरों को गिरफ्तार किया गया। एक 10वीं का छात्र है, दूसरा 11वीं का है। वे अपने स्कूल बैग में नकली पैसे छिपाकर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। उस परिचित तालिका का एक उदाहरण कुछ दिन पहले मिला था।

मुर्शिदाबाद के सुती थाना क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 34 पर सजुरमोर से पुलिस ने किशोरावस्था में प्रवेश कर चुके स्कूल यूनिफॉर्म पहने तीन छात्रों को गिरफ्तार किया है। तीन लोगों के बैग की तलाशी लेने पर दो लाख रुपये के नकली नोट और 150 ग्राम हेरोइन मिली। पुलिस पूछताछ में आठवीं कक्षा के तीनों छात्रों ने बताया कि उन्हें अपने-अपने पिता से पैसे मिले थे। ऐसी ही एक और घटना कुछ दिन पहले जालंगी में हुई थी। बीएसएफ को जानकारी मिली कि पिता ने याबा टैबलेट की तस्करी के लिए बेटे को चारे के रूप में इस्तेमाल किया। इसके बाद लड़के को पकड़ लिया गया।

सीमा सुरक्षा बल और राज्य पुलिस का खुफिया विभाग ऐसी कई घटनाओं को लेकर चिंतित है। पिता के हाथ से नाबालिग बेटे के जरिए तस्करों के डेरे तक ड्रग्स, सोना, नकली पैसा पहुंचाने के इस तरीके को रोकने के लिए पुलिस और बीएसएफ काम कर रही है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ डीआइजी एके आर्य के मुताबिक, तस्कर हर कुछ दिनों में अपनी रणनीति बदलते हैं। हम उस रणनीति के माध्यम से उनकी तस्करी की योजनाओं को भी सावधानीपूर्वक विफल कर देते हैं। हम नाबालिगों की तस्करी की योजना से अवगत हैं।

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