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खान और खनिज संशोधन विधेयक राज्यसभा में पारित

  • विपक्ष ने राज्यसभा से किया वॉक आउट

  • विपक्ष की नोटिसों पर कोई कार्रवाई नहीं

  • विधेयक पर आये सुझावों पर चर्चा नहीं

नईदिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को मणिपुर में हिंसा और उपद्रव की घटनाओं पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने बुधवार को सदन से वॉकआऊट किया । श्री खड़गे ने शून्यकाल के दौरान मणिपुर हिंसा के मामले को उठाया और कहा कि वहां हिंसा और उपद्रव की घटनाओं में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और बड़े पैमाने पर मकानों को जला दिया गया है।

उन्होंने इस मुद्दे पर जवाब के लिए प्रधानमंत्री को सदन मे बुलाए जाने की मांग की। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत उन्हें 58 नोटिस मिले हैं जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया है। इस मामले में नियम 167 के तहत पहले ही चर्चा कराने की अनुमति दी गई है। चर्चा के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है।

इसके बाद सत्तापक्ष भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दलों के सदस्य अपनी-अपनी सीट से हंगामा करने लगे। सभापति ने कहा कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसका सदुपयोग नहीं किया। सभापति ने कहा कि यहां से प्रधानमंत्री को कोई निर्देश नही जारी किया जा सकता है। इसके बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, जनता दल यू, राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य पार्टियों के सदस्य सदन से वाकआऊट कर गए।

विपक्ष के वॉक आउट कर जाने के बाद खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023 ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक में संशोधन के कुछ प्रस्ताव दिये थे हालाकि विपक्षी सदस्यों के सदन में मौजूद नहीं रहने के कारण इन्हें पेश नहीं किया जा सका।

विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वर्ष 2030 तक विभिन्न क्षेत्रों में देश की ऊर्जा खपत दोगुना बढने वाली है इसके मद्देनजर भविष्य की जरूरतों को देखते हुए छह खनिजों को परमाणु सूची से बाहर निकालकर इनके खनन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने तथा भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि अब तक परमाणु खनिजों की सूची में शामिल रहे बेरिल और बेरिलियम, लिथियम, नाइओबियम, टाइटेनियम, टैंटलियम, और जरिकोनियम के खनन की अनुमति दी गयी है। श्री जोशी ने कहा कि वह पूरे देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि ये छह खनिज रेडियोधर्मी नहीं हैं। उन्होंने स्वयं तथा मंत्रालय के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने परमाणु विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है। इन खनिजों के परमाणु सूची में रहने के कारण इनका अन्वेषण अथवा खोज नहीं हो पा रही थी। विशेष रूप से लिथियम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी के लिए जरूरी लिथियम के मामले में देश आत्मनिर्भर बन जायेगा। इससे आयात पर निर्भरता कम होगी तथा राजस्व की बड़े पैमाने पर बचत होगी।

लोकसभा की कार्यवाही हंगामे के कारण दिनभर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को भी जमकर हंगामा हुआ जिसके कारण सदन की भोजनावकाश के बाद भी नहीं चली और पीठासीन अधिकारी को सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने एक बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु की तो विपक्ष के सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर हंगामा करने लगे।

इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर शोर शराबा और नारेबाजी करने लगे। सत्तापक्ष की तरफ से किये जा रहे हंगामे को विपक्ष के सदस्य भी नहीं समझ पाये और वे कारण जानने का प्रयास करते हुए नजर आये।

सत्ता पक्ष तथा विपक्ष की तरफ से हुए हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी ने आसन के सामने आये सदस्यों को वापस अपनी सीटों पर जाने तथा सत्ता पक्ष के सदस्यों को शोर शराबा नहीं करने का आग्रह किया, लेकिन दोनों तरफ से हंगामा होने के कारण सदन में शोर शराबा बहुत तेज हो गया जिसे देखते हुए पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

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