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ध्यान भटकाने के लिए फिर से नई साजिश
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इस बार फेसबुक का सहारा लेकर फर्जी वीडियो
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21 जुलाई के मंच से डबल इंजन की आलोचना
राष्ट्रीय खबर
कोलकाताः मणिपुर की डबल इंजन सरकार की विफलता छिपाने की साजिशें शुरुआत में ही ध्वस्त होने लगी। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने मालदा में मणिपुर जैसी घटना दोहराये जाने की बात कही। बंगाल टीएमसी के नेता यह पहले ही भांप गये थे कि नरेंद्र मोदी के बयान में दूसरे राज्यों का उल्लेख होने की वजह से ऐसा ही कुछ होगा। इसके तुरंत बाद भाजपा नेत्री का रोते हुए वीडियो भी बड़े चैनलों द्वारा वायरल किया गया।
इसलिए जब महिलाओं को निवस्त्र कर घूमाने की शिकायत आयी तो राज्य के डीजीपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खंडन कर दिया और कहा कि संबंधित महिलाओं को पत्र लिखकर बुलाया गया है और सच्चाई की आगे भी जांच की जाएगी। दूसरी तरफ टीएमसी की तरफ से यह कहा गया कि जिस घटना को भाजपा वाले तूल दे रहे हैं, वह दरअसल चोरी की एक घटना से जुड़ा हुआ मामला है।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस के 21 जुलाई के कार्यक्रम के मंच से अभिनेत्री और युवा नेता सायनी घोष ने इस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि मणिपुर पिछले तीन महीने से जल रहा है, लेकिन हिंसा रोकने की कोई पहल न करके भाजपा नेता बंगाल को बदनाम करने के लिए फर्जी खबरें फैलाने में लगे हैं।
हाल ही में पश्चिम बंगाल में महिला उत्पीड़न के आरोप भाजपा सांसद लोकेट पर लगे हैं। तृणमूल के युवा नेता सायनी घोष ने इस मुद्दे को उठाकर भाजपा पर डबल इंजन वाली मणिपुर सरकार का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा नेता और मंत्री अपनी नाकामी को छुपाने की हताशा भरी कोशिश में बंगाल के बारे में फर्जी खबरें फैला रहे हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ऐसा लगता है कि भाजपा और उसके मंत्री अपना वैज्ञानिक ज्ञान पूरी तरह से खो चुके हैं।” मणिपुर की डबल इंजन सरकार अपनी दोहरी विफलता को छिपाने की हताशा में बंगाल और अन्य विपक्षी राज्यों के बारे में फर्जी खबरें बनाकर और फैलाकर लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
इसके अलावा वह यह भी लिखती हैं, मैं महिला एवं बाल संरक्षण मंत्रालय के सर्वथा अज्ञात मंत्री, मगरमच्छ के आंसू प्रसिद्ध सांसद और गोली मारो नारा के लिए ख्यातिप्राप्त मंत्री से अनुरोध करती हूं कि वे देश में भाषण देना बंद करें और अपने आकाओं की तरह चुप रहें। प्रधानमंत्री के बयान की मांग की गई है।
इस बीच, भाजपा राज्य में पंचायत हिंसा और महिला उत्पीड़न का आरोप लगाकर मणिपुर मुद्दे से ध्यान भटकाने की पूरी कोशिश कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोती नजर आईं। ध्यान आकर्षित करने की कोशिश में भगवा खेमा कहीं से भी कमी नहीं कर रहे हैं।
इस संबंध में राज्य के पंचायत चुनावों में हिंसा के आरोप उनका हथियार बन गए हैं। लेकिन असल सच्चाई तो यह है कि राज्य के पंचायत चुनाव में सबसे ज्यादा संख्या में तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हुई है। इस मुद्दे पर तृणमूल के युवा नेता सैनी भाजपा के विरोध में उतर आये हैं।
इस बीच पुलिस ने इस बात के लिए भी आगाह किया है कि इस बार अफवाह फैलाने की एक नई साजिश हो रही है। इसके लिए अब फेसबुक का सहारा लिया जा रहा है।
फेसबुक में कई ऐसे वीडियो डाले गये हैं जो पश्चिम बंगाल में बंगालियों और हिंदी भाषियों के बीच नफरत फैलाने की साजिश है। इस शिकायत की जब जांच की गयी तो पता चला कि बंगाली नाम अथवा बांग्ला सामाजिक संगठनों के नाम से जारी होने वाले इस कुप्रचारों के पीछे भी पश्चिम बंगाल के वैसे भाजपा नेता जुड़े हुए हैं, जो पहले से ही अफवाह फैलाने के लिए पुलिस की नजरों में आ चुके हैं।