Breaking News in Hindi

विपक्षी एकता की दूसरी बैठक में सोनिया हाजिर

  • शरद पवार के एक दिन बाद आने की खबर

  • सोनिया के रात्रिभोज में नहीं जाएंगे ममता

  • बैठक में चौबीस दलों को मिला है आमंत्रण

राष्ट्रीय खबर

बेंगलुरुः विपक्ष की दो दिवसीय बैठक आज यहां बेंगलुरु में शुरू होगी। हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार आज की बैठक में शामिल नहीं होंगे। गौरतलब है कि शरद पवार के भतीजे अजित पवार के गुट की कल बैठक हुई। उस बैठक के बाद अजीत समूह के सदस्य प्रफुल्ल पटेल ने कहा, शरद पावर हमारी प्रेरणा है। हम उनका आशीर्वाद लेने आये थे।

हम एनसीपी को एकजुट रखना चाहते हैं। इसलिए हम उनसे इस मामले पर विचार करने और हमारा मार्गदर्शन करने की अपील करते हैं। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। वह हमारी बात सुनते रहे। इस बीच इस बैठक के तुरंत बाद विपक्ष की बैठक में शरद की अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगने लगीं। लेकिन कल सबकी निगाहें इस पर होंगी कि क्या वह विपक्ष की बैठक में शामिल होने के लिए बेंगलुरु आते हैं।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि शरद पवार ने एक बड़े भाजपा विरोधी गठबंधन के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई है। वह महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस को भी एक साथ लाए। लेकिन इस बार उनकी अपनी ही टीम दो फाड़ हो गई है। इससे पहले शरद पवार बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटले के साथ पटना में विपक्ष की बैठक में शामिल हुए।

प्रफुल्ल पटेल ने खेमा बदलकर अजित से हाथ मिला लिया है। संयोग से, विपक्षी दलों की पहली और दूसरी बैठक के बीच एक महीने में देश में राजनीतिक रूप से बहुत कुछ हुआ है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार और अजित पवार के बीच बंट गई। दोनों ने असली एनसीपी होने का दावा किया। इस माहौल में सबकी निगाहें शरद के अगले कदम पर हैं।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी शारीरिक कारणों से आज के रात्रिभोज में हिस्सा नहीं लेंगी। विपक्ष के नेताओँ को यह रात्रिभोज श्रीमती सोनिया गांधी की तरफ से दिया गया है। इस रात्रिभोज में रात्रिभोज में ममता के प्रतिनिधि के तौर पर अभिषेक बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन शामिल हो सकते हैं। इस बैठक में भाग लेने वाले दलों की संख्या बढ़ती जा रही है।

खबर है कि बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में कुल 24 पार्टियां शामिल हो सकती हैं। जून में 17 विपक्षी दल पटना में जुटे। पार्टियों ने भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की दिशा में पहला कदम उठाया। दूसरे चरण में बेंगलुरु में पार्टियों की संख्या तो बढ़ी, लेकिन राजनीतिक पृष्ठभूमि काफी बदल गई। इस बीच कहा जा रहा है कि ममता की मध्यस्थता से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच बर्फ पिघल गई है। वरना पटना की बैठक में दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर मल्लिकार्जुन ख़डगे और अरविंद केजरीवाल के बीच तनातनी हो गयी थी।

पटना की बैठक से एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने का संदेश दिया गया। इसे मजबूत करने के लिए भाजपा विरोधी खेमे की दूसरी बैठक तीन हफ्ते बाद सोमवार और मंगलवार को बेंगलुरु में हो रही है। सोमवार को देश के विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं के बीच प्रारंभिक चर्चा होगी। फिर सोनिया गांधी का रात्रि भोज है।

मुख्य बैठक मंगलवार को होगी। दावा है कि दो दिवसीय बैठक में ममता बनर्जी, राहुल गांधी समेत देश के 26 विपक्षी दलों के नेता शामिल होंगे। भारत में यूपीए के भविष्य पर कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, ये सब चर्चा का विषय है। हम जल्द ही फैसला करेंगे कि नया नाम देना है या नहीं। बैठक में यूपीए के अलावा अन्य दलों ने हिस्सा लिया। हम इस मामले पर काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी बेंगलुरु पहुंचीं। वह मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने फूलों से उनका स्वागत किया। ममता के साथ तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी हैं।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।