अजब गजबबिहारमुख्य समाचारराज काज

सुशासन सरकार में सिर्फ आईपीएस पर ही कार्रवाई और आईएएस मस्त

सुधीर कुमार पोरिका निलंबन से मुक्त किये गये

  • राकेश दुबे की मुश्किलें कम होने के आसार नहीं

  • दो साल पूर्व 27 जुलाई 2021 को हुए निलंबित

  • कई और आईपीएस पर कार्रवाई का अंदेशा

दीपक नौरंगी

पटनाः बिहार में इन दिनों कई वर्षों से लगातार आईपीएस अधिकारियों पर राज्य सरकार के द्वारा बड़ी कार्रवाई की जा रही है यह चर्चा होने लगी है  आईपीएस अधिकारी पर ही सरकार कार्रवाई क्यों कर रही है क्या ऐसे मामले में आईएएस अधिकारी क्या पूरी तरह सभी आईएएस साफ-सुथरी छवि के हैं सवाल उठना लाजमी है?

बिहार कैडर के 2010 बैच आईपीएस पूर्व औरंगबाद पुलिस अधीक्षक को 27 जुलाई 2021 को बालू खनन में कथित संलिप्त के आधार पर निलम्बित कर दिया गया था। लगभग 2 साल के लम्बे निलम्बन अवधि के बाद IPS पोरिका को 17 जुलाई 2023 से निलंबन मुक्त कर दिया गया है।

गृह विभाग ने सुधीर कुमार पोरिका को निलंबन मुक्त करते हुए पुलिस मुख्यालय में वेटिंग और पोस्टिंग खातिर योगदान करने का आदेश दिया है।उल्लेखनीय है कि औरंगाबाद एसपी रहते इन पर बालू के अवैध उत्खनन परिवहन में संलिप्त रहने का आरोप लगा था। भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश दुबे पर निलंबन की अवधि में विस्तार कर दिया गया है और आने वाले दिनों में राकेश दुबे की और मुश्किलें बढ़ सकती है लेकिन राज्य सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि बिहार में कितने आईपीएस पर भ्रष्टाचार और अन्य संगीन मामले को लेकर कार्रवाई चल रही है इसकी समीक्षा कर कर अंतिम निर्णय राज्य सरकार को और पुलिस मुख्यालय को अपने स्तर से लेना चाहिए।

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट में औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका को आरोपी माना गया था। इस आधार पर इन्हें 27 जुलाई 2021 के प्रभाव से निलंबित किया गया था।तब से लगातार निलंबित चल रहे हैं। आईपीएस पोरिका के खिलाफ विभागीय जांच आयुक्त के यहां विभागीय कार्यवाही संचालित है।

आईपीएस के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस महानिदेशक से अनुरोध किया गया था। आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इसी वर्ष 12 मई 2023 को जांच से संबंधित रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को दी गईं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 जुलाई 2023 को पोरिका के निलंबन की समीक्षा के लिए तीन जुलाई को केंद्रीय निलंबन समिति की बैठक हुई।

बैठक में यह कहा गया कि इन्हें 16 जुलाई से आगे निलंबन निलंबित रखना उचित नहीं है। ऐसे में 17 जुलाई के प्रभाव से निलंबन मुक्त करने की अनुशंसा की गई। इसके बाद इन्हें 17 जुलाई के प्रभाव से निलंबन मुक्त कर पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का आदेश दिया गया है।

बताया जाता है कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने औरंगाबाद के पूर्व एसपी के मामले में काफी गहराई पूर्ण तरीके से जांच की लेकिन आय से अधिक संपत्ति के मामले में कहीं कुछ नहीं मिला इसीलिए हर प्रकार की जांच के बाद यह साफ हो गया कि उनके पास आय से अधिक संपत्ति किसी प्रकार की अर्जित नहीं की गई है बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षी शाखा ने शुक्रवार को बिहार कैडर के 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार पोरिका के सोमवार 17 जुलाई 2023 से निलंबन मुक्त होने निर्देश जारी हो चुका है। लेकिन बिहार में इन दिनों कई आईपीएस अधिकारियों पर आने वाले दिनों में और कई बड़ी कार्रवाई की संभावना दिख रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button