राष्ट्रीय खबर
मुंबईः विश्व कप कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी है। अहमदाबाद, गुजरात को भारत बनाम पाकिस्तान मैच की जिम्मेदारी मिली है। इसके बीच ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने फिर से ऐसे प्रतियोगिता में पाकिस्तान को बुलाने का विरोध कर दिया है। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने सवाल उठाया कि ‘क्या हमें ऐसे देश के साथ खेलना चाहिए जो हम पर हमला करता है, सैनिकों को मारता है, अधिकारियों को यौन जाल में फंसाता है?
वह कहते हैं, याद रखें, सभी आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। क्या हमें ऐसे देश का स्वागत करना चाहिए? यह राजनीति का मामला नहीं है, यह देश का मामला है। इसके बाद उन्होंने मैच के आयोजन की असल समस्या पर प्रकाश डालते हुए कहा, जब ऐसा मैच खेला जाता है तो उनके लोग (पाकिस्तानी लोग) भी आते हैं हाथों में झंडे लिए मैदान।
क्या हमें ये सब बर्दाश्त करना पड़ेगा? इस पर पूरे देश में चर्चा होनी चाहिए। मनसे का दावा है कि यह सब संदीप के दिमाग की बात है, पार्टी ऐसा नहीं सोचती। लेकिन इस एक बयान से पूरे आयोजन पर राजनीति फिर से गरमा गयी है। दरअसल इससे भाजपा भी असहज स्थिति में है क्योंकि वह हर ऐसे मुद्दे पर पाकिस्तान को कोसकर अपना राजनीतिक लाभ उठाती आयी है।
अभी महाराष्ट्र की राजनीति का समीकरण कहता है कि हाल ही में राज ठाकरे की पार्टी भाजपा और एनडीए के करीब आई है। अमित शाह के बेटे जॉय भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव हैं। क्रिकेट की राजनीति में भी भाजपा की ताकत अनजानी नहीं है। राजनीतिक हलके इस बात को स्वीकार करने में अनिच्छुक हैं कि जीत के घरेलू मैदान अहमदाबाद में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की जानकारी के बिना पाकिस्तान का मैच रद्द कर दिया गया।
ऐसे में भाजपा के करीबी दलों के नेता मैच अरेंजमेंट पर विवाद कर रहे हैं, जिससे राज ठाकरे असमंजस में हैं। क्योंकि, मनसे की राजनीति का मुख्य स्रोत कट्टर राष्ट्रवाद के साथ मिश्रित पाकिस्तान विरोध है। नतीजतन, राज के लिए पार्टी लाइन पर चलकर संदीप की बातों का खुलकर विरोध करना मुश्किल हो गया है। कुल मिलाकर, अपने गृह राज्य में विश्व कप के सबसे हाई वोल्टेज मैच की मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दबाव बढ़ता जा रहा है।