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विविध विषयों पर विचार रखे मोदी ने
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दोनों के बीच लोकतंत्र एक भावना है
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आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा
वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत और अमेरिका की साझेदारी विश्व के हित में है और दोनों देश मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य और भविष्य को बेहतर दुनिया देंगे।
श्री मोदी ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए इस महान सदन को दूसरी बार संबोधित करना गौरव की बात है। उन्होंने कहा, अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा बड़े सम्मान की बात रही है और दो बार ऐसा करना उनके लिए बड़ा सौभाग्य है।
लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को अनादि काल से ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। लोकतांत्रिक भावना के विकास में भारत लोकतंत्र की जननी है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। श्री मोदी ने कहा जब सात वर्ष पहले उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार अमेरिका का दौरा किया, तो भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
उन्होंने कहा, सात साल पहले जब मैं यहां आया था तब से अमेरिका बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन बहुत कुछ वैसा ही बना हुआ है – जैसे भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती को गहरा करने की हमारी प्रतिबद्धता। पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में अमेरिका और भारत में अधिक विकास देखा गया है।
उन्होंंने कहा कि रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में सहयोग से दोनों देशों को परस्पर फायदा होता है। उन्होंने कहा कि इस सदी के शुरू में रक्षा क्षेत्र में सहयोग के मामले में दोनों देश अजनबी की तरह थे लेकिन अब अमेरिका हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा साझीदार है। इसके अलावा दोनों देश अनेक अन्य क्षेत्रों में भी व्यापक सहयोग कर रहे हैं।
हमारी भागीदारी मानवता का कल्याण करेगी और जलवायु परिवर्तन , भुखमरी तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियों से मिलकर निपटेगी। यूक्रेन युद्ध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह लड़ाई का युग नहीं है यह संवाद और कूटनीति का युग है और हम सब को इस खून खराबे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9/11 और मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों के एक दशक से भी अधिक समय के बाद भी कट्टरवाद और आतंकवाद दुनिया के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई-नई पहचान लेती रहती हैं और इनके इरादे भी एक जैसे होते हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं होना चाहिए। कोविड 19 से निपटने की भारत की उपलब्धि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने एक नई विश्व व्यवस्था को आकार देना शुरू किया है।