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जमीन विवाद में हो गयी सरयू राय की इंट्री

जमशेदपुर के घोटालों का मुद्दा उठाया

  • दस्तावेजों का उल्लेख भी किया है

  • पहले से ही इन मुद्दों की चर्चा रही है

  • निशाने पर फिर से पूर्व सीएम रघुवर दास

राष्ट्रीय खबर

रांचीः रांची और देवघर के जमीन घोटाला विवाद में केंद्रीय एजेंसियों की जांच जारी है। इन दोनों ही स्थानों पर गड़बड़ी के आरोप में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सहित कई लोग गिरफ्तार किये गये हैं। इसी क्रम में अचानक जमशेदपुर के विधायक सरयू राय की भी इंट्री हुई है। यह बता देना प्रासंगिक है कि इससे पहले भी ईडी की जांच वाले कई मुद्दों पर श्री राय के बयान की वजह से ईडी की कार्रवाई का असर ही घट गया था।

श्री राय ने खास तौर पर ईडी के अपने दस्तावेजों का हवाला देते हुए पत्थर के रैक के मामले में पूर्व की रघुवर दास सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया था। उसके बाद से यह देखा गया कि ईडी ने फिर से उन मामलों में कदम आगे बढ़ाने की कार्रवाई नहीं की। उस वक्त भी श्री राय ने सरकारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए यह साबित कर दिया था कि वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यकाल की तुलना में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में अधिक गड़बड़ी हुई थी।

इस बार काफी दिनों की चुप्पी के बाद श्री राय ने फिर से जमशेदपुर के जमीन घोटाले का सवाल उठा दिया है। अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने इस बारे में टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा है कि दलालों और सरकारी अधिकारियों की माफियागिरी ने राँची में सेना की और देवघर में देव की भूमि बेच दिया।

जमशेदपुर में भी सरकारी भूमि बिकी है,अवैध जमाबंदी खोली गई है। इसमें लिप्त राजस्व कर्मियों को नियम विरूद्ध कई बार अवधि विस्तार मिला है। अभिलेखों की जाँच हुई तो सफ़ेदपोशों की कलई खुलेगी। उनकी इस एक टिप्पणी से यह साफ है कि उनका हमला फिर से भाजपा के उस गुट की तरफ है, जो पूर्व में उन्हें नीचा दिखाने का काम करता रहा है।

यह सर्वविदित है कि रघुवर दास के साथ उनका छत्तीस का रिश्ता तभी हो गया था जब वह राज्य के कैबिनेट मंत्री थे। कई मामलों की जांच की मांग के बाद भी कार्रवाई नहीं होने की वजह से यह रिश्ता और कड़वाहट भरा होता चला गया। भाजपा से टिकट मिलने में देर की वजह से उन्होंने खुद ही पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने हैं।

उसके बाद से वह बार बार केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गयी कार्रवाइयों के बीच ही पूर्व की सरकार की गड़बड़ियों का मुद्दा उठाते रहे हैं। इस बार भी श्री राय ने जमीन संबंधी जो मुद्दे उठाये हैं, वे जनता के बीच पहले से ही चर्चा में रहे हैं। साफ है कि इस बार भी उनके निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके करीबी लोग हैं। जिस बारे में वह पहले से ही आरोप लगाते आये हैं।

अब उनके इस एक बयान से साफ हो गया है कि वह आने वाले दिनों में इन्हीं केंद्रीय एजेंसियों को जमशेदपुर की जमीन संबंधी गड़बड़ियों पर नये साक्ष्य पेश कर सकते हैं। दरअसल उनके हमले के बाद स्थिति कुछ ऐसी बन जाती है कि तोप का मुंह अंततः भाजपा की तरफ चला जाता है। इसी वजह से भाजपा के लोग भी उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं।

वैसे अंदरखाने से इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा में रघुवर दास का विरोधी गुट चुपके चुपके उन्हें दोबारा पार्टी में लाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ यह चर्चा भी है कि खुद रघुवर दास अब राज्य के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भाजपा में शामिल कराना चाहते हैं। इस वजह से भी भाजपा के सभी गुट श्री राय की बातों और उनके दूरगामी परिणामों पर बहुत ध्यान देते हैं।

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