Breaking News in Hindi

एर्दोगन ने ज़ेलेंस्की-पुतिन को फिर प्रस्ताव दिया

अंकाराः तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने यूक्रेन के खेरसॉन में रूसी-नियंत्रित नोवा कखोवका पनबिजली परियोजना के विनाश की जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया है। बांध हमले के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ फोन कॉल में उन्होंने यह पेशकश की। तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने बुधवार, 7 जून को यह जानकारी दी। मास्को और कियेब ने पनबिजली बांध पर हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। मंगलवार 6 जून की सुबह एक विस्फोट के बाद विशाल बांध ढह गया। नतीजतन बड़े इलाकों में पानी भर गया।

तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से कहा कि युद्धरत दलों, संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के विशेषज्ञों को शामिल करते हुए एक आयोग का गठन किया जा सकता है, जो कखोवका बांध में हुए विस्फोट की विस्तृत जांच करेगा। एर्दोगन ने इसके बाद अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को फोन किया। उन्होंने कहा, रूसी और यूक्रेनी बलों के बीच सीमा पर तबाही की व्यापक जांच की जरूरत है।

एर्दोगन के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि उन्होंने पुतिन को कखोवका बांध के विनाश की जांच के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आयोग के गठन की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और तुर्की से जुड़े मामले की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया जा सकता है।

बता दें कि नोवा कखोव्का बांध निप्रो नदी पर बना है। बांध रूस के कब्जे वाले ज़ापोरीज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए ठंडा पानी प्रदान करता है। इस बांध के टूटने से पानी के बहाव से बड़े इलाके जलमग्न हो गए। हजारों लोग बाढ़ वाले इलाकों से पलायन को मजबूर हैं। इसके पहले यूक्रेन के बंदरों से अनाज की निकासी का काम भी उनके प्रयास से ही प्रारंभ हो पाया था। वरना उस इलाके के समुद्र को रूसी नौसेना ने चारों तरफ से घेर रखा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.