न्यूयॉर्कः अमेरिका में हथियार संस्कृति के कुपरिणाम हाल के दिनों में अधिक नजर आये हैं। इसके तहत कई स्कूलों में भी अत्याधुनिक हथियारों से हुई फायरिंग में स्कूली बच्चे और आम लोग मारे गये हैं। हाल की एक घटना में हथियार चलाने वाला एक कम उम्र का स्कूली छात्र था।
ऐसी स्थिति में पूरे देश में हथियारों पर पाबंदी की लगातार मांग उठ रही है। इसके बीच ही न्यूयॉर्क में इसी पहल के तहत एक नई योजना चालू कर दी गयी है। वहां हथियारों की वापसी खरीद योजना लागू कर दी गयी है। इसके तहत हथियार लौटाने वालों को तुरंत ही पांच सौ डॉलर का ईनाम दिया जा रहा है। यह कार्यक्रम शनिवार से शुरू हुआ।
रिपोर्ट में बताया गया है कि खतरनाक हथियारों में बदलने वाले गन मालिकों को बंदूकों के बदले 500 डॉलर के उपहार कार्ड दिए गए थे। बायबैक (वापसी खरीद) कार्यक्रम न्यूयॉर्क अटॉर्नी जनरल लेटिसिया जेम्स के कार्यालय द्वारा आयोजित किया जाता है।
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में करीब 3 हजार से ज्यादा हथियार जमा हो गई हैं। इनमें असॉल्ट राइफलें और घोस्ट गन शामिल हैं जो आग्नेयास्त्रों के पुर्जों से निर्मित होती हैं और बिना असेंबल किए बेची जाती हैं। जेम्स ने ट्विटर पर कहा, हमने आज 3,76 बंदूकें बरामद कीं, जिनमें 185 असॉल्ट राइफलें शामिल हैं।” इनमें से प्रत्येक बंदूक एक संभावित दुर्घटना घटक है।
इसमें हमारी मदद करने के लिए कानून प्रवर्तन और सरकार के सभी भागीदारों का धन्यवाद हम न्यूयॉर्क वासियों को बंदूक हिंसा से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे। न्यूयॉर्क के निवासी जो हथगोले को आत्मसमर्पण करते हैं उन्हें पहले हथियार के लिए 500 डॉलर और प्रत्येक अतिरिक्त हथकड़ी के लिए अतिरिक्त 150 डॉलर मिलते हैं।
पूरे न्यूयॉर्क में नौ बायबैक केंद्र स्थापित किए गए। वैसे अमेरिका के बाहर भी अमेरिकी हथियार को लेकर काफी आलोचना होती आयी है। मैक्सिको सहित कई देशों का आरोप है कि अमेरिका के हथियार विक्रेता ही चोर रास्ते से उनके देश में हथियार पहुंचा रहे हैं, जो अंततः बड़े अपराधियों के हाथ बिक रहे हैं। अफ्रीकी देशों से भी ऐसे अमेरिकी हथियारों की बिक्री की शिकायत पहले ही मिली थी। अब यूक्रेन युद्ध के दौरान भी रूस ने कई बार यह आरोप लगाया है कि यूक्रेन को मोहरा बनाकर अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश रूस पर परोक्ष हमला कर रहे हैं।