कियेबः पाकिस्तान द्वारा मुहैया कराया गया रॉकेट अब यूक्रेन के लिए सिरदर्द बना हुआ है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल दिसंबर में यूक्रेनी सशस्त्र बलों को $300 मिलियन मूल्य के 2 लाख रॉकेटों की आपूर्ति के लिए पाकिस्तान आयुध निर्माणी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।
हालांकि, राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने पाकिस्तान से रॉकेटों की खराब गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल पहले वलोडिमिर और उनके लोगों ने अपने बीएम-21 ग्रैड रॉकेट लॉन्चर के सभी 40 बैरल एक साथ दागे थे। अब वे रूसी ठिकानों पर एक बार में कुछ ही फायर कर सकते हैं। यूक्रेन पहले से ही गोला बारूद की कमी को झेल रहा है। अभी हाल ही में पश्चिमी देशों से मदद मिलने के बाद उसकी स्थिति थोड़ी सुधरी है। इसके बीच ही पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराये गये रॉकेटों की गुणवत्ता पर ऐसा सवाल खड़ा हुआ है।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन पहले ही ग्रैड गोला-बारूद के अपने भंडार के माध्यम से जला चुका था, इसलिए उसे दूसरे देशों के रॉकेटों पर निर्भर रहना पड़ा। आपूर्ति चेक गणराज्य, रोमानिया और पाकिस्तान से आ रही है। हालांकि, पाकिस्तान के रॉकेट अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं। युद्ध के खिंचने के साथ ही हथियारों और गोला-बारूद के लिए यूक्रेन की मांग जोर पकड़ती गई। लेकिन साथ ही यूक्रेन को अभी भी अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए भारी संसाधन खर्च करने पड़ते हैं।
टैंकों और बख्तरबंद वाहनों जैसे आधुनिक हथियारों के हाल के आगमन के बावजूद, यूक्रेन अपने पुराने सोवियत काल के शस्त्रागार पर बहुत अधिक निर्भर है। रूस निर्मित बुक एयर डिफेंस सिस्टम विमान, ड्रोन और मिसाइलों को निशाना बना सकता है। यह अभी भी उनकी बेशकीमती संपत्ति में से एक है। इस अत्याधुनिक हथियार से रूस को हवाई क्षेत्र को नियंत्रित करने में मदद मिली है।
वे पहले से ही पश्चिम द्वारा आपूर्ति किए गए कुछ हथियारों का उपयोग कर रहे हैं। सेर्ही और उसके आदमी ब्रिटिश निर्मित एल 119 लाइट आर्टिलरी गन चलाते हैं। लेकिन सेरही कहते हैं, उन्हें भी राशन देना है। वे प्रतिदिन औसतन 30 राउंड फायरिंग कर रहे हैं।
हमारे पास इस समय पर्याप्त लोग हैं। लेकिन युद्ध के मैदान में रूसी सेना का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त गोला बारूद चाहिए। ऐसे में पाकिस्तान से आये हथियारों ने उन्हें निराश किया है।