कियेबः चीन ने भी यूक्रेन का युद्ध समाप्त करने के लिए शांति का एक प्रस्ताव दिया था। यह जानकारी यूक्रेन और रूस के युद्ध के एक साल पूरे होने पर बाहर आयी है। इस प्रस्ताव में रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों को तत्काल समाप्त कर वार्ता प्रारंभ करने की बात कही गयी थी।
इसी वजह से यूक्रेन के समर्थक पश्चिमी देशों ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। इस प्रस्ताव के सार्वजनिक होने के बाद उल्टी चीन पर आरोप लगा है कि क्या चीन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का समर्थन करता है। दरअसल चीन ने अपने रुख को लेकर विरोधाभासी बयान दिए हैं।
इसमें कहा गया है कि रूस को कार्रवाई करने के लिए उकसाया गया था। नाटो का पूर्व की ओर विस्तार, लेकिन उसने युद्ध पर तटस्थता का भी दावा किया है। इस बीच चर्चा है कि शी जिनपिंग शीघ्र ही यानी अगले कुछ महीनों में रूस का दौरा करेंगे। चीन ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
चीन पर आरोप लगा है कि सार्वजनिक रूप से वह खुद को यूक्रेन में शांति के लिए प्रयास करने वाले देश के रूप में पेश करते हैं, लेकिन निजी तौर पर रूस का समर्थक है। उस पर पहले भी गुप्त तरीके से रूस को हथियार देने का आरोप भी लग चुका है।
वैसे इस बात का कोई सार्वजनिक प्रमाण नहीं है कि यह वर्तमान में रूस को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है, लेकिन अमेरिका ने कहा है चीन पहले से ही गैर-घातक सहायता प्रदान कर रहा है और आगे भी कर सकता है।
नाटो के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि उन्होंने कुछ संकेत देखे हैं कि चीन हथियार मुहैया कराने के लिए तैयार हो सकता है और चेतावनी दी कि वह ऐसा करेगा। रूसी और चीनी सेनाओं ने आक्रमण के बाद से संयुक्त अभ्यास किया है, सबसे हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी नौसेना के साथ भी यह काम पूरा किया गया है।
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव ने सोमवार को अमेरिकी चिंताओं के बारे में संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा मुझे यकीन नहीं है क्योंकि रूस को भी हेल्मेट, लाइफ जैकेट इत्यादि की जरूरत है, और मुझे लगता है कि अगर चीन उनकी मदद करेगा। चीन अगर मदद करेगा तो यह कपड़े और हेलमेट तो नहीं बल्कि हथियार ही होंगे।