मॉस्कोः रूसी सेना ने ओरिखिव और हुलाइपोल इलाके पर कब्जा करने का अभियान प्रारंभ कर दिया है। झापोरिझिया में इन दोनों ही शहरों के आस पास रूसी सेना स्पष्ट तौर पर बढ़त की स्थिति में है। बीच में यूक्रेन की सेना का कब्जा होने के बाद भी अब रूसी सेना उनसे करीब पचास किलोमीटर की दूरी तक पहुंच गयी है।
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अब इन इलाकों में तेज लड़ाई हो रही है। यूक्रेन के नियंत्रण वाले झापोरिझिया के दोनों तरफ से रूसी सेना आगे बढ़ रही है। जिसका मकसद यूक्रेन की सेना को बीच में घेर लेना है। इस क्रम में दोनों शहरों पर रूसी गोले भी गिरे हैं।
ओरिखिव के पास के एक गांव लोवकोव पर रूस का कब्जा हो चुका है। यह गांव भी दिनेप्रो नदी के करीब है। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने जिन चार इलाकों को रूस में शामिल करने का एलान किया था, उनमें यह झापोरिझिया का प्रांत भी है।
पुतिन के एलान के बाद भी रूसी सेना यहां पर पहले पैठ नहीं बना पायी थी जबकि डोनोस्क और लुहांस्क में पहले से ही रूसी सेना के साथ साथ रूस समर्थक हथियारबंद विद्रोह यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे थे।
अब स्पष्ट होता जा रहा है कि पुतिन ने जिन इलाकों को रूसी भूभाग घोषित किया था, उनपर सैन्य नियंत्रण के लिए झापोरिझिया पर दो तरफा हमला किया गया है। यूक्रेन के शेष इलाकों पर रूसी सेना की गतिविधियां नहीं के बराबर है। यह अलग बात है कि रूस ने यूक्रेन के बिजली संयंत्रों को नुकसान पहुंचाना जारी रखा है।
इसके बीच ही रूसी निजी सेना के नाम से कुख्यात वागनर ग्रूप ने यूक्रेन की सीमा पर अपना नया दल तैयार करने का काम प्रारंभ कर दिया है। इस निजी सेना को दरअसल रूसी सेना का ही हिस्सा माना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर यह आरोप लगा है कि इस निजी सेना में पेशेवर हत्यारे हैं।
इनका इस्तेमाल रूस ने दुनिया के कई इलाकों में किया है। अब यूक्रेन की सीमा के करीब रूस के बेलग्रोड इलाके में लोगों को यह कंपनी बहाल कर रही है। आरोप है कि उनके जरिए भी यूक्रेन के अंदर जनता की सेना के नाम पर एक संगठन को भेजने की तैयारियां चल रही है।
यूक्रेन के युद्ध में इस वागनर ग्रूप के पहले से भी सक्रिय होने के आरोप लगते रहे हैं। कई रूसी इलाकों पर यूक्रेन का हमला होने के बाद अब इस किस्म की तैयारियां की जा रही है। यह अलग बात है कि इन सारे हमलों के बारे में यूक्रेन ने अपनी जिम्मेदारी नहीं स्वीकारी है।