कियेबः रूसी सेना ने युद्ध प्रारंभ होने से अब तक का सबसे तेज मिसाइल हमला कल किया। वैसे इस किस्म के हमले की आशंका पहले से ही थी क्योंकि यूक्रेन के ड्रोन ने मास्को के काफी करीब एक सैनिक हवाई पट्टी पर हमला किया था। यूक्रेन के उस हमले में तीन रूसी सैनिक भी मारे गये थे।
अब रूस की तरफ से दिन भर में 69 मिसाइल दागे गये हैं। इससे फिर से कियेब के ही कई संरचनाओं को काफी नुकसान पहुंचा है। दूसरी तरफ इस रूसी हमले से फिर से बिजली व्यवस्था बाधित हो गयी है। जिन इलाकों में बिजली व्यवस्था को सुधारा गया था, वे भी इस नये हमले की चपेट में आ गये हैं।
लोगों को सुरक्षित रखने के लिए भूमिगत इलाकों में भेजा गया है। इसका मकसद उन्हें मिसाइल के साथ साथ ठंड से भी बचाना है। रूसी हमले के बारे में यूक्रेन की सेना की तरफ से यह दावा किया गया है कि उन्होंने 54 मिसाइलों को हवा में ही बेकार कर दिया था। इस दौरान खारकिब में मिसाइल की चपेट में आने की वजह से दो लोगों की मौत होने की सूचना है।
देश के अन्य हिस्सों से मिसाइल हमले में छह लोगों के घायल होने की भी जानकारी मिली है। रूस की तरफ से विस्फोटक लदे ड्रोन भी सभी इलाकों में भेजे गये थे। इस दौरान यूक्रेन के अधिकांश इलाकों में साइरन सुनाई पड़ा। सेना को इन ड्रोनों से बचाव के लिए एयर डिफेंस सिस्टम को लगातार चालू रखना पड़ा।
लगातार ऐसे हमलों की वजह से अब नागरिकों को पानी तथा अपने इलेक्ट्रानिक उपकरणों को चार्ज करने का अतिरिक्त प्रबंध करने का निर्देश जारी कर दिया गया है। लगातार बिजली आपूर्ति पर रूसी हमले का मकसद भी अब धीरे धीरे स्पष्ट होता जा रहा है। रूस यह चाहता है कि जिन इलाकों को उसने अपनी सीमा में शामिल करने का एलान कर दिया है, वहां रूस का आधिपत्य स्वीकार किया जाए।
इसी क्रम में रूसी विदेश मंत्री ने कहा है कि पश्चिमी देशों से मिले हथियारों के बल पर यूक्रेन मुकाबला नहीं कर सकता। इसलिए भलाई इसी में है कि वह पहले की तरह सारे हथियार छोड़ दे। वरना रूसी सेना में यह ताकत है कि वह यूक्रेन के सारे हथियार नष्ट कर ही देगी। यूक्रेन के अधिकांश इलाको में बिजली का नहीं होना ही सबसे बड़ी परेशानी है क्योंकि यह ठंड का मौसम है।
यूक्रेन भी अच्छी तरह समझ चुका है कि इसी वजह से रूस बार बार बिजली व्यवस्था पर हमला कर यूक्रेन को अपनी शर्तों पर मजबूर करना चाहता है। इस बीच पड़ोसी देश बेलारूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन का एक एस 300 मिसाइल उनकी सीमा के भीतर गिरा है। इससे कोई नुकसान तो नहीं हुआ है लेकिन बेलारूस ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जतायी है।