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रूस के समर्थन की वजह से सर्विया की सेना आक्रामक

मेरडारेः सीमा विवाद जारी रहने के बाद अब कोसोबो और सर्विया के बीच का सीमा विवाद और गरमाता दिख रहा है। इस तनातनी के बीच कोसोबो ने अपने सबसे प्रमुख सीमा चौकी को यहां बंद कर दिया है। चौकी बंद करने के अलावा उसके रास्ते में जगह जगह पर अवरोधक भी खड़े कर दिये गये हैं। जिससे कोई भी वाहन सामने से नहीं आ सके।

यह दोनों देशों के बीच की सबसे बड़ी चौकी है। इसके बीच ही सर्बिया के राष्ट्रपति ने इस सीमा के करीब मौजूद सैनिकों से भेंट की है। वहां सर्बिया के सैनिक अब पूर्ण सतर्क मुद्रा में दिखने लगे हैं। दोनों देशों के बीच इस बार के विवाद की शुरुआत गाड़ियों के नंबर प्लेट से हुई थी।

कोसोबो की सरकार ने सर्विया वाले नंबर प्लेटों को अपने यहां मान्यता देने से इंकार कर वहां उनके लिए स्थानीय नंबर प्लेट का प्रबंध किया था। इस सीमा क्षेत्र में मौजूद लोग इस व्यवस्था को स्वीकार करने को तैयार नहीं था। इस इलाके में सर्विया मूल के अनेक निवासी रहते हैं जो पहले से ही अलग राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान की मांग करते आये हैं।

अब कोसोबो के गृहमंत्री झेला स्वीसिया ने यह कहकर माहौल को और गरमा दिया है कि रूस के समर्थन से सर्विया अब कोसोवो की अस्थिर करने की साजिश रच रही है। दूसरी तरफ सर्विया का दावा है कि वह कोसोबो के क्षेत्र में रहने वाले अल्पसंख्यकों का हित देख रही है।  कोसोबो के आरोप के तुरंत बाद मॉस्को ने ऐसी किसी साजिश में अपनी सहभागिता से साफ इंकार किया।

अब पता चल रहा है कि गत दस दिसंबर को भी दोनो देशों के सैनिकों के बीच फायरिंग भी हो चुकी है। सर्विया के एक पूर्व पुलिसकर्मी को भी लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सर्विया के राष्ट्रपति अलेंकजेंडर वूकिक ने भी सीमा का दौरा किया है। उन्होंने वहां तैनात सैन्य टुकड़ियों का निरीक्षण भी किया है।

दक्षिण यूरोप के इस इलाके में दो देशों के बीच बढ़ते तनाव से यूरोप के दूसरे देश चिंतित हैं क्योंकि वहां के अनेक देश पहले से ही रूस समर्थक है। यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के पश्चिमी छोर पर यह तनाव यूक्रेन और उसके सहयोगियों के लिए भी तनाव बढ़ाने वाला है।

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