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नेशनल पार्क के अंदर हैं चालीस
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बाहर में भी उतनी ही संख्या है
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सीसीटीवी में बार बार नजर आ रहे
राष्ट्रीय खबर
बेंगलुरुः वन विभाग को स्थानीय स्तर पर चेतावनी जारी करने की नौबत आयी है। दरअसल शहर के आस पास लगातार लेपार्ड नजर आने की वजह से लोगों को इस बारे में आगाह किया गया है। यह चेतावनी जागरुकता फैलाने के लिए भी दी गयी है ताकि लोग अचानक ऐसा जानवर नजर आने के बाद कोई वैसी हरकत ना करें जो हमले का कारण बने।
विभाग के मुताबिक पास के बानेरघाटा नेशनल पार्क में चालीस के करीब लेपार्ड होने की गिनती हुई है।
अब शहर के आस पास के सीसीटीवी में बार बार इनके नजर आने की वजह से ऐसा माना जा रहा है कि नेशनल पार्क के बाहर भी लेपार्ड आ गये हैं अथवा रात के अंधेरे में वे भोजन की तलाश में बाहर निकल रहे हैं। इस शहर का बाहरी इलाका भी वैसे जंगल और भौगोलिक संरचना से भरा हुआ है जो उनके लिए सुगम है। लेकिन इंसानों की बस्ती, औद्योगिक प्रांगण और व्यस्त रास्तों पर भी उन्हें रात के अंधेरे में चलते हुए कैमरे ने कैद किया है।
एक अनुमान के मुताबिक नेशनल पार्क के बाहर भी पार्क के जितने ही लेपार्ड हो सकते हैं। सोशल मीडिया में ऐसे सीसीटीवी फुटेज के बार बार जारी होने की वजह से भी लोगों में आतंक फैल रहा है। इसी वजह से लोगों को आगाह किया गया है। पास के कावाल रिजर्व फॉरेस्ट के बाहर एक हिरण के मारे जाने की घटना के बाद लोग और आतंकित हो गये हैं। वन विभाग की तरफ से दी गयी जानकारी में बताया गया है कि आम तौर पर ऐसे जानवर इंसानों पर हमला नहीं करते क्योंकि इंसान उनका स्वाभाविक भोजन नहीं है।
वे खुद ही इंसानों से दूरी बनाकर चलने वाले प्राणी हैं। लोगों को यह बताया गया है कि कम रोशनी के वक्त ले किसी भी जंगल के किनारे से ना चलें और अंधेरे में ऐसे इलाकों पर चलना जरूरी हो तो अकेला ना चलें और किसी किस्म का शोर करते हुए चलें। इसके लिए लोग अपने मोबाइल पर कोई गाना बजाते हुए भी चल सकते हैं।
लोगों को बताया गया है कि अगर गलती से यह जानवर नजर आ जाए तो घबड़ाये बिना धीरे धीरे पीछे हट जाएं। अचानक दौड़ने से वह खुद ही डरकर हमला कर देगा। पास के इलाकों के पशुपालकों को भी अपने मवेशियों को संभालकर रखने की हिदायत दी गयी है। शहर के दूर एकांत में बने फॉर्म हाउसों में रहने वालों को अपने घर के चारों तरफ पर्याप्त रोशनी रखने को कहा गया है।