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जलपाईगुड़ीः शहर के बगल में कंचुआ बोआलमारी में बाघ घूम रहा है। वहां लोगों ने गीली मिट्टी में इसके पैरों के निशान भी देखे हैं। इससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। लोग अपने खेतों तक में नहीं जा रहे हैं।
सूचना पर वन विभाग के अधिकारियों ने वहां पहुंचकर उसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है। मंडलघाट इलाके के लोगों के इस इलाके में आलू की खेती होती है। अब बाघ के आतंक की वजह से लोग अपने खेतों में नहीं जा रहे हैं।
तिस्ता नदी के तट पर बाघ होने की शिकायत गुरुवार शाम से मिली थी। उसके बाद से ही आस पास के गांव के लोग रतजगा कर रहे थे।
इस बीच एक बकरी की मौत उस बाघ के हमले से होने की जानकारी दी गयी है। कुछ लोगों ने दावा किया है कि उनलोगों ने रात में उसकी आवाज भी सुनी है।
वहां पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने पूरी जानकारी लेने के बाद कहा कि यह शायद बाघ नहीं है बल्कि चीता है।
नदी तट और गांव के बाहर की गीली मिट्टी में जो पैरों के निशान थे, उसके आधार पर ऐसा दावा किया गया है। लोगों को खतरे से बचाने के लिए विभाग ने वहां कई इलाकों में पिंजरा लगा दिया है।