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गाजा पर इजरायली धमकी के बाद इंडोनेशिया का प्रस्ताव

गाजा के लोगों को अस्थायी शरण देंगे

जकार्ताः इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने कहा कि वे गाजावासियों को अस्थायी रूप से शरण देने के लिए तैयार हैं। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने बुधवार को कहा कि वे गाजा में इजरायली सेना और क्षेत्र के शासक हमास के बीच युद्ध से प्रभावित फिलिस्तीनियों को अस्थायी आश्रय देने के लिए तैयार हैं।

दरअसल हमास की हरकतों से नाराज इजरायल ने गाजा को तीन हिस्सों में बांटने तथा हमास का पूरी तरह खात्मा करने का एलान कर अभियान प्रारंभ किया है। इसके तहत ही गाजा के नागरिकों को इलाका खाली करने को कहा गया है। इन निर्दोष नागरिकों के बीच ही हमास के आतंकवादी भी छिपे हुए हैं जो यदा कदा इजरायल पर रॉकेट भी दाग रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पिछले महीने इजरायल द्वारा क्षेत्र में सैन्य अभियान फिर से शुरू करने के बाद से लगभग 400,000 गाजा निवासी विस्थापित हो गए हैं। संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की, मिस्र, कतर और जॉर्डन की मध्य पूर्व यात्रा पर जाने से पहले प्रबोवो ने कहा, हम घायल पीड़ितों को लेने के लिए तैयार हैं। हम उन्हें ले जाने के लिए विमान भेजने के लिए तैयार हैं।

हमारा अनुमान है कि पहली लहर में यह संख्या 1,000 हो सकती है। उन्होंने कहा कि घायल फिलिस्तीनियों और आघातग्रस्त, अनाथ बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने विदेश मंत्री को फिलिस्तीनी अधिकारियों और क्षेत्र के दलों से बात करने का निर्देश दिया है कि घायल या अनाथ गाजावासियों को कैसे निकाला जाए।

पीड़ित केवल तब तक इंडोनेशिया में रहेंगे जब तक वे ठीक नहीं हो जाते और उनकी वापसी सुरक्षित नहीं हो जाती। दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया लगातार इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के लिए दो-राज्य समाधान का आह्वान करता रहा है। तुर्की मीडिया के अनुसार, प्रबोवो को तुर्की संसद को संबोधित करने का दुर्लभ अवसर दिया जाएगा। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन फिलिस्तीनी मुद्दे के मुख्य समर्थकों में से एक हैं और उन्होंने फरवरी में इंडोनेशिया का दौरा किया था, जहाँ दोनों ने घनिष्ठ संबंधों का वादा किया था।

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