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हाथरस की महापंचायत के बाद टिकैत का एलान

एमएसपी के लिए फिर से राष्ट्रीय आंदोलन की तैयारी में बीकेयू

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः भारतीय किसान संघ ने बुधवार को सिकंद्रारो टाउन में एक महा पंचायत का आयोजन किया, जहां किसान नेता राकेश टिकैत ने एक देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया, ताकि न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग की जा सके। भूमि और आंदोलन के लिए कम से कम एक परिवार के सदस्य को तैयार करने के लिए। इसकी तैयारी का एलान तब आया है जबकि पंजाब के किसानों का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और इन किसानों को हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर रोक रखा गया है।

इस बारे में राकेश टिकैत ने कहा, यदि प्रत्येक परिवार आंदोलन के लिए 10 दिन और खेती के लिए 20 दिन समर्पित करता है, तो उनकी भूमि की रक्षा की जाएगी। टिकैत ने दावा किया कि बिहार में किसानों को अपनी फसल के लिए उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि कई किसान बिहार को छोड़ दिया है और पलायन किया है।

उन्होंने इस स्थिति के लिए बिहार में कृषि बाजारों (मंडियों) के उन्मूलन को दोषी ठहराया और चेतावनी दी कि एक नई नीति ने मंडियों को राष्ट्रव्यापी रूप से बंद कर दिया। उनकी योजना 99 वर्षों के लिए 500 से 1,000 वर्ग मीटर के भूखंडों में मंडी भूमि को पट्टे पर देने की है। यदि ऐसा होता है, तो सारे मंडी अगले दस पंद्रह सालों में पूरी तरह गायब हो जाएंगे।

उन्होंने किसानों से उन अधिकारियों के खिलाफ विरोध करने का भी आह्वान किया, जिनके पास उदासीन रवैया है। अगर अधिकारी आपकी परेशानियों को संबोधित नहीं करते हैं, तो अपने कार्यालयों में 72 घंटे के धरने का आयोजन भी करना होगा।

उल्लेखनीय है कि पिछली बार के आंदोलन की वजह से काफी समय के बाद विवादास्पद तीन कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था और केंद्र सरकार ने किसानों की मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था।

इसके बाद से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई और किसानों के साथ पूर्व घोषित एमएसपी पर कोई बात चीत भी नहीं हुई। कई भाजपा नेताओं द्वारा बाद में फिर से कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने तथा केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्य सरकारों से इस बारे में मंतव्य मांगे जाने की वजह से देश के किसान फिर से आंदोलन की तैयारियों में जुट गये हैं।

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