दीर्घ सत्ताइस सालों के बाद भाजपा ने खोया किला जीता
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भाजपा ने कहा मोदी की गारंटी की जीत
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केजरीवाल ने कहा जनादेश स्वीकार है
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कांग्रेस का खाता फिर नहीं खुला
नईदिल्लीः दिल्ली की जनता ने लगभग 27 साल के लंबे अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बार फिर सत्ता सौंपी है। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव की शनिवार को हुई मतगणना में भाजपा को 48 सीटें मिलती दिखायी दे रही हैं। सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी ने 22 सीटों पर बढ़त बनायी हुई है। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करके 27 साल बाद अपना परचम लहराया है और पिछले तीन बार की आप सरकार को दिल्ली की जनता ने नकार दिया।
आप के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज समेत कई बड़े नेता अपना चुनाव हार गये। पार्टी के दिग्गज चेहरों में केवल मुख्यमंत्री आतिशी अपनी सीट बचाने में कामयाब रही है। दिल्ली में पांच फरवरी को मतदान हुआ था। भाजपा ने शुरु से ही रूझानों में बढ़त बनाना शुरु कर दिया था।
श्री केजरीवाल को नयी दिल्ली विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने पराजित किया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया जंगपुरा सीट पर भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से चुनाव हार गये। ग्रेटर कैलाश से सरकार में मंत्री रहे सौरभ भारद्वाज और मालवीय नगर से सोमनाथ भारती को भी भाजपा प्रत्याशियों के सामने करारी हार का सामना करना पड़ा। कालकाजी विधानसभा सीट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी भाजपा प्रत्याशी रमेश विधूडी को हराकर जीती हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र श्री प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद भी रहे चुके हैं।
सत्तारुढ आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी की हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता का निर्णय मान्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की जीत विकास और सुशासन की जीत है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने कहा है कि दिल्ली में लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है।
भारतीय राजनीति में एक नये प्रयोग के साथ लगभग 12 साल पहले सरकार में आयी आम आदमी पार्टी दिल्ली में विपक्ष में बैठने की तैयारी कर रही हैं। दिल्ली के राजनीतिक क्षितिज पर आम आदमी पार्टी के प्रादुर्भाव से पहले करीब 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव में अपना खाता फिर नहीं खोल सकी है।
भाजपा ने दिल्ली में 2024 के लोकसभा चुनाव का अपना प्रदर्शन जारी रखते हुए राष्ट्रीय राजधानी के सभी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है और वोट हिस्सा लगभग 10 प्रतिशत बढ़ाया है। भाजपा ने दिल्ली के नतीजों को मोदी की गारंटी पर दिल्ली की जनता का भरोसा बताया है। राजनीतिक विश्लेषकों ने आप की हार में कांग्रेस का भी कुछ हाथ देखना शुरु कर दिया है। पर इस बारे में कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, आम आदमी पार्टी को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है।
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तंज किया, और लड़ो आपस में। भाजपा के दिल्ली प्रदेश कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने होली से पहले ही होली का उत्सव मनाना शुरु कर दिया है जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कार्यालयों पर नेता और कार्यकर्ता नदारद रहे।