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नाराज किसानों ने अब सीधे टकराव का रुख अख्तियार किया

रेल यातायात रोकने से केंद्र सरकार सतर्क

  • होशियारपुर में पांच स्थानों पर धरना

  • दिल्ली सीमा पर अब भी डटा है जत्था

  • अदालती कमेटी की देर से भी नाराज

नईदिल्लीः संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले विभिन्न कृषि संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को होशियारपुर जिले में पांच स्थानों पर धरना दिया और रेल यातायात को अवरुद्ध कर दिया, ताकि केंद्र सरकार पर फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित उनकी कई मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाया जा सके।

किसानों ने दोपहर के आसपास तीन स्थानों – रेलवे स्टेशन भंगाला, दसूया और टांडा – पर जालंधर-जम्मू रेल ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किसान मजदूर हितकारी सभा, पंजाब के राज्य महासचिव ओंकार सिंह ने भंगाला में, किसान गन्ना संघर्ष समिति के नेता सुखपाल सिंह दफ्फार ने दसूया में और किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव कश्मीर सिंह ने टांडा में किया।

वे अपनी मांगों पर जोर देने के लिए पटरियों पर बैठ गए। किसानों ने जालंधर-होशियारपुर खंड पर मंडियाला गांव और होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर रेल-रोड क्रासिंग को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे क्षेत्र में रेल यातायात बाधित हो गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेल नाकेबंदी के कारण जम्मू से अहमदाबाद जा रही करीब 750 यात्रियों वाली ट्रेन संख्या 19224 को मुकेरियां रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया।

इसके अलावा होशियारपुर से जालंधर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन (ट्रेन संख्या 04597) भी देरी से चल रही है। तरनतारन निवासी दीपक सिंह (25) अपनी पत्नी, दो बच्चों और भाई के साथ ऊना (हिमाचल प्रदेश) में तीर्थस्थल के दर्शन करने के बाद यात्रा कर रहे थे। उन्होंने देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए बताया कि टिकट काउंटर बंद होने और जालंधर जाने वाली उनकी ट्रेन के विलंबित होने के कारण उन्हें होशियारपुर रेलवे स्टेशन पर दो घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने नाकेबंदी के कारण होने वाली असुविधा का जिक्र किया, खासकर छोटे बच्चों को।

इस बीच आन्दोलनरत किसान संगठनों ने बुधवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय की गठित कमेटी से वह नहीं मिलेंगे। अभिमन्यु कोहड़ और अन्य किसान नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में बताया कि समिति की तरफ से किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) को पत्र मिला था, जिसमें बताया गया था कि कमेटी पंचकुला में आज (बुधवार) दोपहर एक बजे विश्राम गृह में मिलेगी।

दोनों संगठनों ने चर्चा के बाद तय किया कि किसान कमेटी से नहीं मिलेंगे। दोनों संगठनों को पहले ही अंदेशा था कि कमेटियां खानापूर्ति के लिये बनाई जाती हैं, पर उच्चतम न्यायालय और कमेटी का सम्मान करते हुये दोनों किसान संगठनों का प्रतिनिधिमण्डल चार नवंबर से कमेटी से मिला लेकिन गंभीर स्थिति होने के बावजूद कमेटी अब तक शंभू और खनौरी मोर्चे पर नहीं आ सकी।

पत्र में कहा गया है कि कमेटी को इतनी देर से सक्रिय होने पर दुख हुआ है। श्री डल्लेवाल की नाजुक स्थिति को देखते हुये और घायल किसानों को देखते हुये यह फैसला किया है कि वह कमेटी से नहीं मिलेंगे और जो भी बातचीत करनी होगी सीधे केंद्र सरकार से ही करेंगे।

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