भारत के सामने हाथ पसार सकती है ब्रिटिश सरकार
लंदन: ब्रिटिश प्रधान मंत्री कीर स्टार्मर और उप प्रधान मंत्री एंजेला रेनर ने अगले पांच वर्षों में 15 लाख नए घर बनाने का वादा किया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लेबर सरकार को अपने आवास लक्ष्य तक पहुंचने के लिए लगभग 500,000 निर्माण श्रमिकों की आवश्यकता होगी। देश में इतने सारे निर्माण श्रमिक नहीं हैं।
इसलिए सरकार को इस कमी को पूरा करने के लिए विदेश से कर्मचारी लाने पड़ रहे हैं। और इसके लिए आव्रजन कानून में ढील दी जानी चाहिए। और अगर ऐसा है तो ब्रिटेन में कम से कम कुछ हज़ार नए रोज़गार के अवसर पैदा होंगे। भारतीय और बांग्लादेशी कामगार उस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
दुनिया भर में निर्माण कार्यों के लिए भारतीय कुशल मजदूरों और मिस्त्रियों की मांग होती रही है। खास तौर पर खाड़ी क्षेत्र के देशों में इस श्रेणी का काम कर भारतीय निर्माण मजदूर ने अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। इसलिए समझा जा सकता है कि स्थिति का सब कुछ आकलन कर लेने के बाद ब्रिटिश सरकार औपचारिक तौर पर भारत से ठीक वैसा ही आग्रह कर सकती है, जैसा इजरायल ने किया था।
इसके अलावा भी कुछ देशों ने अपने यहां के श्रमिकों की कमी पूरी करने के लिए भारत से मदद ली है। शोधकर्ताओं ने एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटेन में 15 लाख और नए घर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त निर्माण श्रमिक नहीं हैं। इस विशाल निर्माण परियोजना के लिए आवश्यक 500,000 निर्माण श्रमिकों को यहां ढूंढना मुश्किल होगा। रिपोर्ट में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा गया है कि नए घर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण योजना का एकमात्र विकल्प निर्माण श्रमिकों के लिए वीजा पथ को आसान बनाना है।