यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश का आरोप सही प्रमाणित हुआ
राष्ट्रीय खबर
लखनऊः यूपी के मीरापुर में एक पुलिस अधिकारी द्वारा वोट देने निकली कुछ मुस्लिम महिलाओं पर पिस्तौल तानने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा शेयर किए गए वीडियो में पुलिसकर्मी महिलाओं पर पिस्तौल तानते हुए उन्हें वापस जाने के लिए कह रहा है।
महिलाओं में से एक महिला अधिकारी से भिड़ती हुई दिखाई दे रही है और पूछ रही है कि क्या उसे उस पर पिस्तौल तानने का अधिकार है। पुलिस अधिकारी की पहचान मीरापुर के काकरवाली थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) के रूप में हुई है। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए अपने एक्स पोस्ट में मांग की, चुनाव आयोग को मीरापुर के काकरवाली थाना क्षेत्र के एसएचओ को तुरंत निलंबित कर देना चाहिए, क्योंकि वह मतदाताओं को रिवॉल्वर दिखाकर उन्हें वोट डालने से रोक रहे हैं।
देखें वह शेयर किया गया वीडियो
मीरापुर के ककरौली थाना क्षेत्र के SHO को चुनाव आयोग तुरंत निलंबित किया जाए, क्योंकि वो रिवॉल्वर से धमकाकर वोटर्स को वोट डालने से रोक रहे हैं। @ECISVEEP @SECUttarPradesh@rajivkumarec@spokespersonECI@ceoup#ECI#YouAreTheOne#IVoteForSure#UPPolitics#SamajwadiParty pic.twitter.com/WfiygzqO0t
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 20, 2024
एआईएमआईएम उम्मीदवार मोहम्मद अरशद ने आरोप लगाया कि काकरोली में मतदान कम रहा, क्योंकि पुलिस लोगों को उनके घरों से निकलने से रोक रही थी। उन्होंने पुलिस पर मतदाताओं को परेशान करने का आरोप लगाया और उनकी हरकतों की तुलना लोगों के दुश्मनों से की।
अरशद ने आगे दावा किया कि पुलिस ने एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
यादव ने कहा कि उनकी पार्टी ने करहल, सीसामऊ, मीरापुर, कुंदरकी, फूलपुर और मझवां सहित कई निर्वाचन क्षेत्रों में “अनियमितताओं” के बारे में चुनाव आयोग (ईसी) में शिकायत दर्ज कराई है। इन शिकायतों के बावजूद, यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग इन मुद्दों पर आंखें मूंद रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया, भाजपा इन उपचुनावों को वोटों के जरिए नहीं, बल्कि हेरफेर के जरिए जीतना चाहती है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी प्रशासन पर अनुचित तरीके से काम करने का दबाव बना रही है और विपक्षी समर्थकों को मतदान करने से रोक रही है।