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दिल्ली मेयर चुनाव में आप पार्षद महेश खिंची की जीत

भाजपा और एलजी के तमाम प्रयासों पर फिर से पानी फिरा

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः महापौर चुनाव आप के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, जो दिल्ली नगर निगम में भाजपा के साथ लंबे समय से चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच महापौर पद पर बने रहने में कामयाब रही है। एक करीबी मुकाबले में आप नेता महेश खिंची को दिल्ली का नया महापौर चुना गया है। करोल बाग के देव नगर से पार्षद खिंची ने 133 वोट हासिल किए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार को मामूली अंतर से हराया, जिन्हें 130 वोट मिले।

दरअसल आप के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा और उप राज्यपाल की तरफ से कई हथकंडे अपनाये गये थे। बता दें कि चुनाव के ठीक पहले दिल्ली नगर निगमों को एक करने के बहाने चुनाव को टाला गया था। एकीकृत नगर निगम में चुनाव हुआ तो आम आदमी पार्टी जीत गयी। पहली बार मेयर चुनाव से पहले एलजी द्वारा एल्डरमैन बहाल करने का फैसला अदालत तक गया था।

उसमें भी आम आदमी पार्टी की जीत हुई। उसके बाद से लगातार भाजपा का प्रयास रहा है कि किसी तरह दिल्ली नगर निगम पर उसका कब्जा हो जाए। इसके तहत कई बार आप के पार्षदों को भी भाजपा में शामिल कराया गया, जिसका कोई अंतिम फायदा नहीं मिली।

इस बार के मेयर चुनाव में कुल 265 वोटों में से दो को अवैध घोषित कर दिया गया, जिससे खिंची के पक्ष में संतुलन बन गया। महापौर चुनाव आप के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, जो दिल्ली नगर निगम में भाजपा के साथ लंबे समय से चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच महापौर पद पर बने रहने में कामयाब रही है।

महेश खिंची अनुसूचित जाति समुदाय से तीसरे महापौर बनेंगे और आप के अपने पूर्ववर्ती शेली ओबेरॉय से यह पद संभालेंगे। एमसीडी हाउस में आयोजित मतदान प्रक्रिया में आप और भाजपा दोनों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया, जिसमें आप सांसद संजय सिंह और एनडी गुप्ता और दिल्ली से भाजपा के सभी सात लोकसभा सांसद शामिल थे।

इस नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस पार्षद सबीला बेगम ने चुनाव के दिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि वह आप उम्मीदवार को अपना वोट देंगी, उनके पति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके त्यागपत्र को पोस्ट करके इस कदम का प्रचार किया। अप्रैल में होने वाले मेयर चुनाव में सत्तारूढ़ आप और भाजपा विपक्ष के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप नव निर्वाचित मेयर का कार्यकाल संभवतः छोटा हो गया।

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