झारखंड की राजधानी में मतदान का मिजाज कुछ अलग रहा
-
सुबह की तेजी के बाद माहौल बदला
-
शाम के वक्त खास इलाकों में भीड़
-
हटिया और एचईसी की नाराजगी दिखी
राष्ट्रीय खबर
रांचीः झारखंड विधानसभा के लिए आज रांची और हटिया में भी मतदान हुआ। इस मतदान में अलग अलग मिजाज का पता मतदान केंद्र में खड़े मतदाताओं की कतार से चल गया। कई इलाके में सुबह से दोपहर तक लगातार मतदाताओं की कतार लगी रही जबकि कुछ मतदान केंद्रों में तुलनात्मक तौर पर कम भीड़ नजर आयी। शाम के वक्त मतदान की समय सीमा खत्म होने के दौरान लगभग सभी मतदान केंद्रों में मतदाता लाइन में खड़े नजर आये, जो कतार में होने की वजह से अपना वोट डाल सकेंगे।
सुबह मतदान प्रारंभ होने के दौरान इस बार लोकसभा चुनाव के मुकाबले अधिक तेजी देखी गयी। कई मतदान केंद्रों पर भोजनावकाश होने के दौरान ही करीब पचास प्रतिशत का मतदान हो चुका था लेकिन दोपहर के बाद यह क्रम धीमी पड़ गयी। इसके बाद भी मतदान केंद्रों के बाहर से ही अंदर के करंट का पता आसानी से लगाया जा सकता था। अधिकांश मतदान केंद्रों पर एक खास पार्टी के समर्थकों की भीड़ और मतदाताओं की कतार की वजह से इसका अंदाजा लगाना कठिन नहीं था।
दोपहर होते तक कई प्रत्याशियों का डेरा डंडा उखड़ जाने से भी यह और स्पष्ट हो गया कि चुनावी बयार किस ओर बह रही है।
मतदाताओं को जल्द से जल्द मतदान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्र अमित शाह का सोशल मीडिया में अपील को भी तेजी से वायरल किया गया।
वैसे इन अपीलों के जनता तक पहुंचने के पहले ही लोगों ने पहले मतदान और फिर जलपान के नारा का पालन करते हुए इस जिम्मेदारी को पूरा किया।
इसके बाद भी प्रमुख लोगों ने मतदान कर उसकी तस्वीर सार्वजनिक कर अन्य मतदाताओं को प्रोत्साहित करने का काम किया। इस किस्म का काम करने वालों में राज्यपाल संतोष गंगवार, सीएम हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, विधायक नवीन जायसवाल, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य समेत तमाम वोटरों के अलावा वृद्ध, दिव्यांग और आम जन भी अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग करते दिखे हैं।
चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के मुताबिक दोपहर तीन बजे तक तमाड़ में 55.28 प्रतिशत, रांची में 44.25 प्रतिशत, हटिया में 51.09 प्रतिशत, कांके में 53.3 प्रतिशत और मांडर में 64.77 प्रतिशत हो चुका था। इस मतदान के प्रतिशत से भी वोटरों के मिजाज को भांपना आसान हो जाता है। हटिया की बात करें तो इस पर स्थानीय कारणों से मतदाताओं का मिजाज बदलाव का है और मतदान के प्रतिशत से भी यह स्पष्ट हो जाता है। आम तौर पर पहले की तुलना में अधिक मतदान को सत्ता विरोधी मिजाज समझा जाता है। इसलिए हटिया और एचईसी जैसे भाजपा के किलों में भी न सिर्फ दरारें नजर आयी हैं बल्कि भाजपा के कई स्तंभ इस बार खुलकर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ और कांग्रेस प्रत्याशी अजय शाहदेव के लिए मतदान केंद्रों तक काम करते नजर आये हैं।