दिल्ली की अदालत ने ईडी के मामले में सुनाया फैसला
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सीबीआई और ईडी ने दर्ज किया था केस
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एक बार मेडिकल बेल पर रिहा हुए थे
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आरोपों के साक्ष्य प्रमाणित नहीं हुए
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी। जैन मई 2022 से सलाखों के पीछे हैं, जब उन्हें केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
हालांकि, वह मई 2023 से मार्च 2024 के बीच मेडिकल बेल पर भी रहे। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आज जैन को नियमित जमानत दे दी। ट्रायल कोर्ट ने इससे पहले 17 नवंबर 2022 को जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में आदेश को चुनौती दी थी। अप्रैल 2023 में हाई कोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने आदेश में कहा, सत्येंद्र कुमार जैन को 30.05.2022 [2023] को चिकित्सा आधार पर जमानत पर रिहा किया गया था, जो आज तक जारी है। अब उन्हें विशेष अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू में जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) के साथ 13(ई) (आय से अधिक संपत्ति) के तहत मामला दर्ज किया था। यह मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि जैन ने 2015 और 2017 के बीच विभिन्न व्यक्तियों के नाम पर चल संपत्ति अर्जित की थी, जिसका वह संतोषजनक हिसाब नहीं दे पाए।
बाद में, ईडी ने भी एक मामला दर्ज किया और आरोप लगाया कि उनके स्वामित्व वाली और उनके द्वारा नियंत्रित कई कंपनियों ने हवाला के माध्यम से कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को हस्तांतरित नकदी के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये की प्रविष्टियाँ प्राप्त कीं।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने प्रारंभ से ही इसे सिर्फ आप की राजनीतिक ताकत को कमजोर करने की भाजपा की साजिश करार दिया था। खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक टीवी साक्षातकार में सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप प्रमाणित करने की चुनौती तक दी थी। इस तरह आम आदमी पार्टी का एक और वरिष्ठ नेता अंततः सबूतों के अभाव में अब जमानत पर रिहा हो गया है।