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उत्तराखंड के घी निर्माता के यहां छापा पड़ा

तिरुपति लड्डू विवाद में जांच की गाड़ी और आगे बढ़ी

  • जांच में इस कंपनी का पता चला

  • लड्डू प्रसाद में यही का घी लगा था

  • छापा के बाद कारखाना सील हुआ

राष्ट्रीय खबर

देहरादून: आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की संयुक्त टीम ने रविवार को एक आश्चर्यजनक कार्रवाई करते हुए रुड़की के भगवानपुर में एक घी निर्माता कंपनी पर छापा मारा। सूत्रों ने खुलासा किया है कि उत्तराखंड के रुड़की में जिस घी निर्माता कंपनी पर छापा मारा गया, उसने श्रद्धालुओं को दिए जाने वाले पवित्र लड्डू (प्रसाद) को तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित तिरुपति बालाजी मंदिर को लगभग 70,000 किलोग्राम घी की आपूर्ति की है। मंदिर के प्रसाद को लाखों लोग पूजते हैं, जिससे आरोप विशेष रूप से संवेदनशील हो जाते हैं। अधिकारियों ने कंपनी परिसर को सील कर दिया है और अगले आदेश तक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जांच में पता चला है कि तिरुपति बालाजी मंदिर में वितरित किए जाने वाले पवित्र लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल किया जाने वाला घी उत्तराखंड की एक कंपनी से मंगाया गया था।

पुलिस के एक सूत्र ने बताया, जांच में पाया गया है कि मंदिर के प्रसाद लड्डू में इस्तेमाल होने वाला घी उत्तराखंड के भगवानपुर के चौली शहाबुद्दीनपुर स्थित एक कंपनी द्वारा बनाया जा रहा था।आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले पवित्र लड्डू प्रसाद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें इसे तैयार करने में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में मिलावट के आरोप हैं।

रिपोर्टों से पता चलता है कि घी में गोमांस और मछली के तेल सहित पशु वसा पाई गई थी। इस चौंकाने वाले खुलासे ने भक्तों में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने आपूर्तिकर्ता को काली सूची में डाल दिया है और भविष्य में घी की खरीद के लिए कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को सौंप दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले का संज्ञान लिया है। आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है और प्रयोगशाला परीक्षणों ने घी में पशु वसा की मौजूदगी की पुष्टि की है। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी योगेंद्र पांडे ने कहा, जांच जारी है। हमने कंपनी से घी, दूध और अन्य सामग्रियों के नमूने एकत्र किए हैं। दस्तावेजों की गहन जांच से आगे की जानकारी सामने आएगी। उल्लेखनीय है कि मंदिर को पहले ही लगभग 70,000 किलोग्राम घी की आपूर्ति की जा चुकी है।

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